Air Pollution: पॉल्यूशन से ऐसे खुद को बचाएं, ये ट्रिक्स आएंगे आपके काम
दिल्ली में प्रदूषण के हालात गंभीर हो गए हैं और अभी हवा में एक्यूआई का स्तर काफी बढ़ गया है, जो कई सांस संबंधी रोगों का कारण बन सकता है. तो जानते हैं इस स्थिति में पॉल्यूशन से कैसे बचा जाए.
दिल्ली और उसके आसापास के एरिया में पॉल्यूशन से लोगों का हाल काफी ज्यादा बेहाल है. पॉल्यूशन सबसे ज्यादा इंसान के लंग्स पर बुरा असर करती है. उपर से दिवाली का त्योहार आने वाला है ऐसे में पॉल्यूशन का लेवल और भी ज्यादा बढ़ने वाला है. राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र गैस चैंबर में तब्दील हो गया है. नोएडा सबसे प्रदूषित शहर बन गया है. नोएडा सेक्टर 62 में AQI 695 दर्ज किया गया है, जो 700 से पांच कम है.
दिल्ली के कुछ हिस्सों में AQI भी 600 से अधिक है. काम के चक्कर में लोग अपने घर से निकलेंगे ही तो ऐसे में क्या किया जाए जिससे इस गंभीर एयर पॉल्यूशन में भी आप अपने लंग्स को हेल्दी रख सकते हैं. इसी से जुड़े आपको कुछ खास टिप्स देंगे. दीवाली के दिन लोगों ने जमकर आतिशबाजी की. नतीजन अब लोगों को सांस लेने में भी दिक्कतें आ रही हैं. ऐसे में लोगों के लिए ये जानना जरूरी है कि इस पॉल्यूशन से कैसे बचें और खुद को बीमारियां होने से बचाएं. हेल्थ एक्सपर्ट के मुताबिक जहां पीएम लेवल 700 से अधिक है उन जगहों पर ना जाएं और अगर आप वहां रहते हैं तो घर से बाहर निकलने से बचें.
एक्सरसाइज ना करें.
वॉक ना करें.
जिन लोगों को अस्थमा की प्रॉब्लम है वे डॉक्टर से संपर्क करके अपनी डोज बढ़वाएं.
अन्य सावधानियां-
मुंह पर कपड़ा बांधकर निकलें.
बाहर का फिलहाल कुछ भी खाने से बचें.
दूषित पानी ना पीएं.
घर में या घर से बाहर कहीं भी स्मोकिंग करने से बचें.
अगर आप गाड़ी, बाइक या अन्य किसी वाहन से ट्रैवल कर रहे हैं तो रेड लाइट होने पर उसे बंद कर दें. उसे चलता हुआ ना रखें. इससे भी एयर पॉल्यूशन कम होगा.
अपनी गाड़ी का पॉल्यूशन चैक करवाएं.
घर में कारपेट हैं तो उसे हटा दें. उसमें भी बहुत डस्ट होती है.
अपने गैस-स्टोव की ठीक से जांच करें और घर में सही तरह से वैटिलेंशन करवाएं.
जूते घर के बाहर ही उतारें.
एयर फ्रेशनर्स का कम से कम इस्तेमाल करें.
बेडशीट्स को हर सप्ताह गर्म पानी में धोएं.
सुनिश्चित कर लें बाथरूम और किचन में एग्जॉस्ट फैन ठीक से काम करें.
घर के आसपास अधिक से अधिक प्लांट्स लगाएं.
क्या कहती हैं रिसर्च - पॉल्यूशन और उससे होने वाली बीमारियों को लेकर कई तरह की रिसर्च आई हैं. उनमें से कुछ रिसर्च के बारे में आज हम आपको बता रहे हैं.
लंग कैंसर के मरीजों की उम्र घट सकती है- लंग कैंसर के मरीज अधिक सावधानी बरतें क्योंकि एक रिसर्चमें सामने आया है कि एयर पॉल्यूशन की वजह से लंग कैंसर के मरीजों मौत जल्दी हो सकती है.
रुमाल या स्कार्फ से नहीं बच सकते पॉल्यूशन से- एक अन्य रिसर्च का कहना है कि रूमाल या स्कार्फ से मुंह ढककर भी पूरी तरह से पॉल्यू्शन से नहीं बचा सकता. रिसर्च के मुताबिक, रूमाल या स्कार्फ के बजाय मास्क पहनना ज्यादा बेहतर है.
बच्चों को हो सकती है ये परेशानी – एक रिसर्च के मुताबिक, पॉल्यूशन के कारण बच्चों और किशोरों में गठिया या इससे जुड़े रोग हो सकते हैं, जिसमें दर्द, सूजन, लूपस आदि हो सकते हैं. सिस्टेमिक लूपस अर्थेमेटोसस (एसएलई) या लूपस शरीर के किसी भी हिस्से को नुकसान पहुंचा सकता है. ये शरीर के दूसरे अंगों को भी नुकसान पहुंचा सकता है, जैसे किडनी, दिल और मस्तिष्क आदि. रिसर्च के मुताबिक, पॉल्यूशन की वजह से ही लूपस रोग होता है. रिसर्च में ये भी कहा गया कि एयर पॉल्यूशन के कारण न सिर्फ पुराने फेफड़ों के रोग, हृदय रोग, हृदय के कैंसर में बढ़ोत्तरी होती है, बल्कि यह बचपन में ही गठिया रोग होने की संभावना को भी बढ़ाता है.
प्रदूषण से किडनी रोग- एक अन्य स्टडी में इस बात का खुलासा हुआ है कि वायु प्रदूषण से किडनी रोग में बढ़ावा होता है, जो किडनी फेल का प्रमुख कारण है.
दिल का दौरा पड़ने का डर- एक रिसर्च के मुताबिक, प्रदूषण अथेरोस्क्लेरॉसिस (धमनियों का कड़ा होना) की प्रक्रिया को तेज करता है, जो दिल के दौरे का कारण बनता है. अधिक प्रदूषण वाले इलाकों में रहने वाले लोगों की धमनियां कम प्रदूषण वाले इलाकों में रहने वाले लोगों की तुलना में अधिक कड़ी होती हैं.
समय से पहले प्रसव का डर- वे प्रेग्नेंट महिलाएं जिन्हें अस्थमा भी है, उन्हें वायु प्रदूषण के कारण समय से पहले प्रसव का खतरा बढ़ जाता है.
अस्थमा के मरीजों को बहुत ज्यादा पॉल्यूशन में घर से बाहर जाने से परहेज करना चाहिए. वे कहते हैं कि वायु प्रदूषण हमारी सांस प्रणाली को प्रभावित करता है, जिससे सांस लेने में परेशानी होती है और दमा, ब्रांकाइटिस, लंग कैंसर, टीबी और निमोनिया जैसे रोग का खतरा बढ़ जाता है. वायु प्रदूषण से ओजोन की परत को नुकसान पहुंचता है और यूवी किरणें पृथ्वी पर पहुंच कर स्किन कैंसर, आंखों और इम्यून सिस्टम को नुकसान पहुंचा सकता है. ऐसे में हमें पॉल्यूशन रोकने के उपाय करने चाहिए.
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