(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
बात -बात पर बच्चों की कर देते हैं पिटाई तो आज से रोक दें...आपका बच्चा जिंदगी में हो सकता है नाकामयाब..ये है इसकी वजह
-बाप सबक सिखाने के लिए मारपीट वाला रास्ता चुनते हैं, लेकिन क्या ऐसा करना सही है. अगर आप भी अपने बच्चों के साथ इस तरह से मारपीट करते हैं तो आपको यह बात जरूर जननी चाहिए
Effect Of Beating Child:छोटे बच्चे शैतानी ना करें ऐसा हो ही नहीं सकता. कई बार बच्चों से कुछ ऐसी गलतियां हो जाती है जिस वजह से मां-बाप का हाथ उठ जाता है. कुछ पेरेंट्स ऐसे भी होते हैं जो बच्चों को डिसिप्लिन सिखाने के चक्कर में उन पर हावी हो जाते हैं कई बार मां-बाप सबक सिखाने के लिए मारपीट वाला रास्ता चुनते हैं, लेकिन क्या ऐसा करना सही है. अगर आप भी अपने बच्चों के साथ इस तरह से मारपीट करते हैं तो आपको यह बात जरूर जननी चाहिए.हार्वर्ड विश्वविद्यालय द्वारा प्रकाशित शोध में बताया गया है कि बच्चों को मारने से उनके स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है. यही वजह है कि बच्चे कई बार मां-बाप की बात सुनना ही बंद कर देते हैं. इस पर पेरेंट्स को और गुस्सा आता है और वह बच्चे पर और सख्ती करते हैं. ऐसा नहीं है कि माना पीटना गलत है लेकिन बात बात पर उन पर हाथ उठाना शारीरिक और भावनात्मक रूप से उन पर प्रभाव डालता है आइए जानते हैं बच्चों को पीटने के नुकसान के बारे में
माता पिता के प्रति सम्मान खत्म हो जाता है: कुछ पेरेंट्स अपने बच्चों को हर छोटी-बड़ी बात पर पिटाई कर देते हैं .ऐसे में बार-बार होने से उनके मन से डर निकल जाता है और वह सही बातें भी सुनना बंद कर देते हैं. जैसे-जैसे बच्चा बड़ा होता है,वो आप से डरना बंद कर देता है. आपके मारने पर उन्हें गुस्सा आता है और वह मन में आपके प्रति सम्मान की भावना नहीं रखते हैं आपके हर बात को अपोज करने लगते हैं.
ध्यान भटकने लगता है: .बच्चों का ध्यान भटकने लगता है. बच्चे हमेशा पिटाई वाली बात पर ही ध्यान लगाए रहते हैं. इस वजह से वह किसी और चीज पर फोकस नहीं कर पाते और हर काम करने में उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ता है.
बेवजह गुस्सा करना: अक्सर हम सुनते हैं कि जो भी बच्चे हमारे आसपास देखते हैं वही सीखते हैं, ऐसे में पैरेंट्स उनके साथ ही उनके सामने जैसा भी बर्ताव करते हैं वह उससे बहुत प्रभावित होते हैं. इसी वजह से बहुत बार बच्चे बिना किसी बात के बहुत गुस्सा दिखाने लग जाते हैं. सामाजिक तौर पर बच्चे असभ्य बन जाते हैं.
आत्म विश्वास खत्म हो जाता है: बच्चों को पीटने से उनके मन पर बुरा प्रभाव पड़ता है. अगर आप लगातार बच्चे को मारते हैं तो उन्हें अक्सर लगता है कि वह गलत है या बुरे हैं. ऐसे में वह धीरे-धीरे सेल्फ कॉन्फिडेंस होने लगते हैं. किसी भी काम को करने से पहले ही पीछे हट जाते हैं. उन्हें लगता है कि वह कोई भी काम ठीक से नहीं कर पाएंगे. बच्चे इमोशनल रूप से जब प्रभावित होते हैं तो जल्दी उभर नहीं पाते हैं.
पेरेंट्स से दूर हो जाते हैं: मारने से बच्चा धीरे-धीरे आप से दूर होने लगता है और आपको अपनी बातें बताना बंद कर देता है. कई बार तो बच्चे इतने डर जाते हैं, कई बार दूसरे बच्चे को पिटते देख कर भी बच्चे रोने लगते हैं, उनके मानसिक स्वास्थ्य पर बहुत बुरा असर पड़ता है.
हिंसा बढ़ जाता है:बचपन से ही पिटाई खाने पर बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य पर गलत प्रभाव पड़ता है. उन्हें लगता है कि अपने से छोटों को मारना सही होता है और वह ऐसे में अपने दोस्तों और छोटे भाई बहन के प्रति कठोर होते हैं उन्हें मारना शुरू कर देते हैं
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