रक्त दान और अंगदान को महादान कहा जाता है. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि एक शख्स के अंगदान से 50 जरूरतमंद लोगों की मदद की जा सकती है. सबसे हैरानी की बात यह ह कि महत 10 लाख लोगों में 0.26 प्रतिशत लोग ही अंगदान करते हैं. दिल-लिवर और किडनी के अलावा इन अंगों को भी दोबारा लगाए जा सकते हैं. अंगदान को लेकर लोगों को काफी ज्यादा जागरूक किया जा रहा है. हार्ट, किडनी, लिवर ट्रांसप्लांट के बारे में अक्सर सुनते होंगे लेकिन इन सब के अलावा और भी ऑर्गन हैं जिसका ट्रांसप्लांट मुमकिन है. मृत्यु के बाद शरीर के ऐसे बहुत सारे अंग जो काफी देर तक खराब नहीं होते हैं उन्हें दान किया जा सकता है.
एक आंकड़े के मुताबिक भारत में हर साल 5 लोगों की मौत सिर्फ अंगदान की कमी से हो जाती है. वहीं भारत में 10 लाख लोगों में महज 0.26 प्रतिशत लोग ही अंगदान करते हैं.
कौन-कौन से अंग किए जा सकते हैं डोनेट
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि एक अंगदान होता है जो आपकी जिंदगी के दौरान किया जाता है. वहीं दूसरा अंगदान आपके मरने के बाद किया जाता है. जिंदगी के दौरान किए जाने वाले ऑर्गन डोनेट में किडनी और पैंक्रियास का कुछ हिस्सा डोनेट कर सकता है. वहीं मौत के बाद व्यक्ति अपने सभी ऑर्गन को दान में दे सकता है. अंगदान में यह ऑर्गन बेहद महत्वपूर्ण हैं जैसे- किडनी, लीवर, फेफड़ा, ह्रदय, पैंक्रियास और आंत. एक व्यक्ति अपने जीवनकाल में चाहे तो वो अपनी एक किडनी, एक फेफड़ा, लीवर का कुछ हिस्सा, पैंक्रियास और आंत का कुछ हिस्सा दान कर सकता है. इसके अलावा आंखों समेत बाकी तमाम अंगों दान मृत्यु के बाद ही किया जाता है.
शरीर का कौन सा अंग कब तक ट्रांसप्लांट किया जा सकता है
हार्ट - मृत्यु के 4 से 6 घंटे के भीतर
किडनी - मृत्यु के 30 घंटे के भीतर
आंत - 6 घंटे के भीतर
पैंक्रियाज - 6 घंटे के भीतर
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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