मसालेदार खाना या यूं कहें कि स्पाइसी फूड में ऐसे मसाले मिलाए जाते हैं. जिसे खाने के बाद मुंह के साथ-साथ पेट में जलन सी पैदा होती है. आप एक चीज फिल करना जब भी आपने ज्यादा कुछ स्पाइसी और हेवी खाना खा लिया है तो आप कुछ ज्यादा ही एक्साइटेड होते हैं. बहुत से लोग ऐसे हैं जो मसालेदार खाना काफी ज्यादा पसंद करते हैं. खासकर वह जिन्हें मसाले वाले खाने बेहद पसंद हैं. चाहे वह तीखी करी हो या मसालेदार चिकन विंग्स. यह सब रेसिपी बहुत लोगों को काफी ज्यादा अच्छी लगती है. लेकिन सबसे खास बात यह है कि आप मसालेदार खाने को कितनी जल्दी अच्छे तरीके से पचा लेते हैं वह पर्सन टू पर्सन डिपेंड करता है. क्योंकि कई लोग ऐसे हैं जो कितना भी मसाला वाला खाना खाएं उन्हें हल्का असर भी नहीं दिखेगा. लेकिन कुछ ऐसे हैं जो अगर थोड़ा भी हेवी खाना खा लें तो सीधा उनके शरीर पर असर दिखता है.
मसालेदार भोजन पाचन को कैसे करता है प्रभावित
खाने में जब मसाला डालते हैं उसमें मिर्च डालते ही है. जिससे पूरी शरीर में गर्मी आ जाती है, कैप्साइसिन, आमतौर पर मसालेदार भोजन बनाने के लिए उपयोग की जाने वाली सामग्रियों में पाया जाता है. जब आप मसालेदार खाना खाते हैं तो Capsaicin आपके मुंह और गले में रिसेप्टर्स को उत्तेजित करता है, जिससे आपको जलन का अहसास होता है. यह सनसनी आपके शरीर की "लड़ाई या उड़ान" प्रतिक्रिया को सेट करती है. जिससे आपकी हृदय गति बढ़ सकती है. आपके शरीर का तापमान गिर सकता है, और यहां तक कि आपकी पाचन क्रिया भी बदल सकती है. मसाला वाला खाना कैप्साइसिन हार्मोन को शरीर में करता है. साथ ही साथ यह पाचन तंत्र की तामांसपेशियों को उत्तेजित करता है और उन्हें अधिक बार अनुबंधित करता है. तेज़ पाचन और मल त्याग पाचन तंत्र की बढ़ी हुई गतिशीलता का परिणाम हो सकता है.
स्पाइसी खाना खाने के बाद बहुत से लोग दस्त, ऐंठन या पेट दर्द जैसे लक्षणों से असहज महसूस कर सकते हैं. ऐसा इसलिए है क्योंकि स्पाइसी खाना काफी हेवी होता है. और इसे पचाने के लिए शरीर के पाचन तंत्र पर बहुत जोड़ पढञता है. जिसकी वजह से सिस्टम में संकुचन पैदा होती है. और आगे जाकर यह जलन और सूजन का कारण बन सकती है.
स्पाइसी फूड पेट में बनाता है एसिड
इसके अलावा, मसालेदार खाना खाने से पेट में एसिड बनने लगता है. ऐसा इसलिए होता है क्योंकि मसाले में पाया जाने वाला कैप्साइसिन हार्मोन गैस्ट्रिन का कारण बनता है, जो पेट में अधिक एसिड बनाने लगता है. जोकि आपके ब्लड सर्कुलेशन को भी प्रभावित करता है. सीने में जलन, एसिड रिफ्लक्स और अन्य गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल समस्याएं बहुत अधिक पेट में एसिड के कारण हो सकती हैं.
गट माइक्रोबायोम को करता है प्रभावित
स्पाइसी फूड का आंत के माइक्रोबायोम पर बहुत बुरा असर पड़ता है. गट माइक्रोबायोम कई सारे अनगिनत सूक्ष्मजीवों से बना होता है जो पाचन तंत्र में रहते हैं और पाचन और समग्र स्वास्थ्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. अध्ययनों से पता चला है कि कैप्साइसिन आंत के माइक्रोबायोम की संरचना को प्रभावित कर सकता है, जिससे मौजूद बैक्टीरिया के प्रकारों में परिवर्तन हो सकता है.
Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.
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