नई दिल्लीः अक्सर लोग बीपी, शुगर घर में ही चेक करके अंदाजा लगा लेते हैं कि उनका बीपी हाई है या नहीं. लेकिन क्या आप जानते हैं असल में ऐसा होता नहीं है.
हाल ही में आई एक रिसर्च के मुताबिक, तकरीबन 20 पर्सेंट ऐसे लोग हाइपरटेंशन का ट्रीटमेंट लेते हैं जिन्हें असल में हाइपरटेंशन होती ही नहीं. कनाडा में की गई नई रिसर्च के मुताबिक, लोग मैनुअल डिवाइस के जरिए ब्लड प्रेशर मेजर करते हैं और ठीक तरह से मशीन ना लगाने से बीपी अधिक या बहुत कम बताता है.
यूनिवर्सिटी ऑफ मोंटरियल हॉस्पिटल रिसर्च सेंटर (CRCHUM) के शोधकर्ताओं ने पाया कि आधे से अधिक फैमिली डॉक्टर्स कनाडा में ब्लड प्रेशर चेक करने के लिए मैनुअल डिवाइस का इस्तेमाल करते हैं. मैनुअल डिवाइस अक्सर ठीक से मेजर नहीं बता पाती.
ऑटोमेटिक मेजरमेंट का फायदा ये है कि ये सही तरह से मेजर करता है. शोधकर्ताओं का मानना है कि डॉक्टर्स को ऑटोमेटिक मेजरमेंट का इस्तेमाल करना चाहिए जिससे ब्लड प्रेशर को सही से मापा जा सके.
2016 में कनाडियन हाइपरटेंशन एजुकेशन प्रोग्राम (CHEP) में गाइडलाइन के दौरान रिकमेंड किया गया था कि इलेक्ट्रॉनिक मेजरमेंट मैनुअल मेजरमेंट से कहीं ज्यादा परफेक्ट है. बेशक ये महंगी होती है लेकिन इससे कई बार मेजर किया जा सकता है. मैनुअल मेजरमेंट तभी स्वीकार्य है जब सही तरह से मेजर किया जाए लेकिन अक्सर मामलों में ऐसा होता नहीं है. ब्लड प्रेशर को चेक करने के लिए 12 से 15 मिनट चाहिए होते हैं. जबकि फैमिली डॉक्टर ब्लड प्रेशर चेक करने के लिए मुश्किल से 10 मिनट भी नहीं देते.
क्या सचमुच आपका बीपी हाई है या कहीं आपकी मशीन तो खराब नहीं!
एबीपी न्यूज़, वेब डेस्क
Updated at:
21 Mar 2017 02:40 PM (IST)
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