ज्यादातर घरों में लोग एक ही साबुन से पूरा परिवार नहाता है. फिर अगर उसमें कोई बीमार हो या हेल्दी सभी के लिए एक ही साबुन का इस्तेमाल किया जाता है. कई लोगों में डर रहता है कि एक ही साबुन का इस्तेमाव करने के कारण इंफेक्शन एक शरीर से दूसरे में कहीं फैल न जाए. इसलिए कुछ लोग ऐसे भी हैं अपने नहाने का साबुन शेयर नहीं करते हैं. हेल्थ एक्सपर्ट के मुताबिक जिस साबुन से हम एक दूसरे से शेयर करके नहाते हैं उससे कोली, साल्मोनेला और शिगेला जैसे बैक्टीरिया पनपने का डर लगा रहता है. लेकिन क्या इससे बीमारी फैलने का डर रहता है?
साबुन की टिकिया पर गंभीर बैक्टीरिया होती है
साबुन की टिकिया पर गंभीर बैक्टीरिया लगे रहते हैं. 'इंडियन जर्नल ऑफ डेंटल रिसर्च' के मुताबिक साल 2006 अप्रैल-जून के मुताबिक साबुन में 2-5 कई तरह की अलग-अलग बैक्टीरिया साबुन के ऊपर जम जाते हैं. साल 2015 में अमेरिकन जर्नल ऑफ इंफेक्शन कंट्रोल में एक हॉस्पिटल में किए गए रिसर्च के मुताबिक 62 प्रतिशत साबुन गंदे पाए गए. वहीं 3 प्रतिशत लिक्विड सोप गंदे थे. साबुन पर छिपे बैक्टीरिया एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलते हैं.
हेल्थ एक्सपर्ट के मुताबिक साबुन पर पनप रहे बैक्टीरिया में ई. कोली, साल्मोनेला और शिगेला बैक्टीरिया के कारण नोरोवायरस और रोटावायरस और स्टैफ जैसे वायरस होते हैं. यह बैक्टीरिया और वायरस शरीर में लगे घाव या त्वचा पर खरोंच के कारण भी फैलने लगते हैं. रिसर्चर के मुताबिक साबुन पर बैक्टीरिया पनपते हैं. लेकिन यह एक शरीर से दूसरे शरीर पर बीमारी फैलाते हैं. द न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक 1965 में पब्लिश रिपोर्ट के मुताबिक एक्सपेरिमेंट के तहत अपने हाथों में लगभग 5 अरब बैक्टीरिया गंदा कर दिया है. यह बैक्टीरिया स्टैफ और ई कोली जैसी बीमारी पैदा करती है. इसके बाद साइंटिस्ट ने अपने हाथों में एक साबुन की टिकिया ली जिसके कारण यह एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलती है.
साबुन पर कैसे बैक्टीरिया होते हैं?
हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें तो साबुन पर ई. कोली, साल्मोनेला और शिगेला बैक्टीरिया मौजूद हो सकते हैं. इसके अलावा नोरोवायरस और रोटावायरस और स्टैफ जैसे वायरस भी साबुन पर मौजूद हो सकते हैं. अगर किसी को चोट या खरोंच लगी है, तो एक साबुन के यूज से बैक्टीरिया दूसरे तक पहुंच सकता है. ऐसे में एक साबुन यूज करने से पहले आपको दो-बार सोचना चाहिए.
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क्या साबुन से फैल सकता है रोग?
भले ही साबुन पर बैक्टीरिया की मौजूदगी होती है, लेकिन अभी तक रिसर्चर्स को ये नहीं पता चला है कि साबुन के जरिए सामान्य तौर पर बीमारी फैलती है या नहीं. 1965 में एक स्टडी की गई थी, जिसमें बैक्टीरिया से भरे हाथों को साबुन से धोया गया, फिर उसी साबुन से दूसरे व्यक्ति ने हाथ धोए, मगर उसके तक पहले व्यक्ति का बैक्टीरिया नहीं पहुंचा. इसलिए साबुन रोग तो नहीं फैला सकते हैं.
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साबुन से इन्फेक्शन का खतरा
भले ही साबुन का इस्तेमाल करना सुरक्षित नजर आता है, लेकिन एक ऐसा इंफेक्शन है, जो एक साबुन सभी के द्वारा इस्तेमाल करने पर फैल सकता है. 2008 में अमेरिका में हुई स्टडी में पता चला कि मेथिसिलिन-प्रतिरोधी स्टैफिलोकोकस ऑरियस (MRSA) नाम का इंफेक्शन साबुन से फैल सकता है. ये एंटीबायोटिक-प्रतिरोधी स्टैफ संक्रमण है. यही वजह है कि लोगों को एक साबुन का यूज नहीं करने की सलाह दी जाती है.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.