क्या अब भी आपको पल्स ऑक्सीमीटर की है जरूरत, जानें क्या कहते हैं मेडिकल एक्सपर्ट्स
एक शोध में पता चला है कि है कि कोरोना पॉजिटिव आने के बाद ऑक्सीजन के लेवल की जांच के लिए पल्स ऑक्सीमीटर का प्रयोग करके मरीज की जान बच सकती है. कोरोना के दौरान मरीजों में ऑक्सीजन की कमी हो जाती है.
![क्या अब भी आपको पल्स ऑक्सीमीटर की है जरूरत, जानें क्या कहते हैं मेडिकल एक्सपर्ट्स Do you still need a pulse oximeter, know what medical experts say क्या अब भी आपको पल्स ऑक्सीमीटर की है जरूरत, जानें क्या कहते हैं मेडिकल एक्सपर्ट्स](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2021/05/18/bd029f92ca74a780102432ad1d17e1c8_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
कोरोना महामारी की दूसरी लहर के दौरान ऑक्सीमीटर एक जरूरी उपकरण बन गया. ऑक्सीमीटर के जरिए ही कोविड-19 के दौरान मरीजों में ऑक्सीजन लेवल की जांच की जाती है. कोरोना काल में ऑक्सीमीटर की खरीद में काफी वृद्धि देखने को मिली. पल्स ऑक्सीमीटर एक छोटा उपकरण होता है जो उंगली में लगाकर खून में ऑक्सीजन के स्तर को मापता है. डॉक्टरों के मुताबिक कोरोना के कुछ मरीजों में 'साइलेंट हाइपोक्सिया' नामक ऑक्सीजन की कमी का एक रूप विकसित होता है, इस दौरान खून में ऑक्सीजन का स्तर काफी नीचे हो जाता है.
पल्स ऑक्सीमीटर के प्रयोग से बच सकती है जान
दक्षिण अफ्रीका के नए शोध से पता चला है कि कोरोना पॉजिटिव आने के बाद ऑक्सीजन के स्तर की जांच के लिए पल्स ऑक्सीमीटर का उपयोग करने से मरीज की जान बच सकती है. अध्ययन के लिए 8,115 हाई रिस्क वाले मरीजों को घर पर ऑक्सीजन चेक करने के लिए ऑक्सीमीटर दिया गया. हाई रिस्क वाले रोगियों में बुढ़े लोग, गर्भवती महिलाएं, ह्दय रोग और मधुमेह जैसी पुरानी बीमारियों ग्रसित लोग थे. कोविड की पहचान होने के बाद रोगियों को पल्स ऑक्सीमीटर दिया गया और यह सुनिश्चित करने के लिए फॉलो-अप कॉल किया गया कि वे इसका सही उपयोग कर रहे हैं या नहीं.
कोरोना मरीजों को 90 प्रतिशत से कम रीडिंग आने पर इमरजेंसी रूम में जाने के लिए कहा गया. साथ ही मरीजों से यह भी कहा कि अगर सांस लेने में दिक्कत है तो तुरंत डॉक्टर दिखाए भले ही ऑक्सीमीटर पर रीडिंग कुछ भी आए. जिन मरीजों को घर पर ही ऑक्सीमीटर से निगरानी रखने के लिए कहा गया था. उनमें मरने की संभावना 52 प्रतिशत कम थी.
ऐसे चेक करें अपना ऑक्सीजन लेवल
पल्स ऑक्सीमीटर को उंगली में लगाए. कुछ सेंकेड के बाद इस पर एक संख्यात्मक रीडिंग आएगी. यह नंबर आक्सीजन स्तर और हार्ट रेट को बताती है. स्वस्थ्य लोगों में ऑक्सीजन रीडिंग 95 से 99 प्रतिशत आएगी. जब यह रीडिंग 94 से नीचे आ जाए तो तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करें.
हालांकि डिवाइस की सटीकता अलग-अलग हो सकती है. खासकर गहरे रंग की त्वचा वाले रोगियों पर. अमेरिकी संस्थान रोग निवारक एवं नियंत्रक यानी सीडीसी ने अपने अध्ययन में बताया कि 10 अश्वेत रोगियों में से किसी एक में परिणाम सटीक नहीं आता है. त्वचा मोटी होने पर, त्वचा का तापमान, तंबाकू का इस्तेमाल और अगर नाखूनों पर नेल पॉलिश लगी हो तो भी ऐसी स्थिति में हो सकता है कि ऑक्सीमीटर की रीडिंग सही नहीं आए.
यह भी पढ़ें
COVID-19: रिसर्च का दावा, फाइजर वैक्सीन के दोनों डोज के बावजूद कमजोर हो जाती है इम्यूनिटी सिस्टम
आपको सर्दी-जुकाम हुआ है या फिर कोविड-19, इस तरह दोनों के बीच लक्षणों का करें फर्क
Check out below Health Tools-
Calculate Your Body Mass Index ( BMI )
ट्रेंडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस
![ABP Premium](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-mid.png)