Eye Problem: कांटेक्ट लेंस को चश्मों के विकल्प के तौर पर देखा जाता है. कांटेक्ट लेंस का यूज़ निकट दृष्टि दोष और दूर दृष्टि दोष को मैनेज करने के लिए किया जाता है. यह ऐसे ही काम करता है जैसे आंखों पर लगा चश्मा करता है. यदि कोइ शख्स चश्मा न लगाना चाहे तो उसे डॉक्टर कांटेक्ट लेंस लगाने की सलाह देते हैं. अमूमन कांटेक्ट लेंस पहनने वाले लोग सोने से पहले इसे निकाल देते हैं. लेकिन एक अनोखा मामला सामने आया है, जिसमे एक महिला लगातार 23 दिन तक नए कांटेक्ट लेंस लगाए ही रह गई. इससे उसे देखने में समस्या हुई तो उसने डॉक्टर को दिखाया. डॉक्टर भी इस अनोखे मामले को देख कर हैरान रह गए.
रात को निकालना भूल जाती, सुबह नया लग जाता
कैलिफोर्निया आई एसोसिएट्स ने इंस्टाग्राम पर कांटेक्ट लेंस आंखों से निकाले जाने का वीडियो पोस्ट किया है. उसमें बताया गया है कि रेयर मामलों में ही ऐसा देखने को मिलता है. रात को कांटेक्ट लेंस निकालना भूल जाए और सुबह को फिर से नया लगा ले और ऐसा 23 दिन तक लगातार होता रहे. क्लिनिक में काफी संख्या में लेंस आंखों से निकाल दिए हैं.
डिसइंफेक्शन से बचाने के लिए रखा जाता है लिक्विड में
कांटेक्ट लेंस बेहद पतले होते हैं और यह एक उंगली से लगाने पर ही पुतली से चिपक जाते हैं. यह ऐसे ही काम करते हैं, जैसे आंखों पर लगा चश्मा काम करता है. डॉक्टरों का कहना है कि 8 से 10 घंटे ही लगातार इनका इस्तेमाल किया जाना चाहिए. इससे ज्यादा आंखों के लिए नुकसान पहुंचाता है. जैसे ही रात को आंखों से लेंस निकालें. उसे इंफेक्शन से बचाने के लिए सॉल्यूशन में रख दें.
आंखों को नुकसान भी पहुंचाता है ये लेंस
लंबे समय तक कांटेक्ट लेंस लगाने से आंखों से जुड़ी बीमारियां होने का खतरा रहता है. इससे आंखों में इंफेक्शन हो सकता है. जिसकी वजह से विजन कमजोर होने लगता है और साफ नहीं दिखता. कोशिश करें कि कम से कम कांटेक्ट लेंस का प्रयोग किया जाए. इसके अधिक पहनने से आंखें लाल पड़ सकती है. घाव भी बन सकते हैं.
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Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि और तरीकों को केवल सुझाव के रूप में लें. किसी भी उपचार/दवा/डाइट और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.