नई दिल्लीः कई लोगों को ऐसी दुर्लभ बीमारी होती है जिसके बारे में पता चलता है तो रोंगटे खड़े हो जाते हैं. हाल ही में एक ऐसा ही मामला सामने आया है.

शंघाई, चीन के टेंथ पीपुल हॉस्पिटल के डॉक्टर्स ने एक ऑपरेशन के जरिए एक 22 साल के पुरूष के पेट से 28 पाउंड यानि 13 किलो का फीसीज़ निकाला है.

दरअसल, इस पुरुष को बचपन से कब्ज की शिकायत थी. जब शंघाई के हॉस्पिटल में इस पुरुष का ट्रीटमेंट किया गया तो सर्जरी के बाद डॉक्टर्स ने 30 इंच लंबा मल इसकी आंतों से बाहर निकाला.

ऐसा माना जा रहा है कि इस पुरुष को हिर्स्चस्प्रुंग रोग नामक दुर्लभ रोग था जिसमें बाउल में सूजन आ जाती है क्योंकि पेट को कंट्रोल करने वाली नसें गायब हो जाती हैं.

डॉक्टर्स के मुताबिक, ये पुरुष 9 महीने की प्रेग्‍नेंट महिलाओं की तरह दिख रहा था क्योंकि फीसीज़ बड़ा और दर्दनाक था. डॉक्टर्स ने ये भी बताया कि इस पुरुष को कई सालों से कब्ज थी और ऐसा लग रहा था जैसे ये फट जाएगा.

इस पुरुष का कहना है कि वो हमेशा ही कब्ज से पीड़ि‍त रहता था और वो अक्सर लैक्सेटिव लेता था लेकिन इससे थोड़ा बहुत ही आराम मिलता था. आखिरकार ये हॉस्पिटल गया और वहां जाकर इसे असलियत का पता चला.

आपको बता दें, हिर्स्चस्प्रुंग डिजीज़ हर 5000 में से एक बच्चे को होती है. इस रोग की पहचान करन पाना मुश्किल है. एडल्स में ये बीमारी कम होती है लेकिन पुरुषों में अधिक होती है.

मायो क्लीनिक के मुताबिक, हिर्स्चस्प्रुंग के कारण जन्म के समय एब्नॉर्मलिटी, डाउन सिंड्रोम और जन्मजात हृदय रोग हो सकते हैं. इसके अलावा पेट में सूजन, गैसी, डायरिया और हरे रंग का तरल पदार्थ निकालना भी इसके लक्षण है. व्यस्कों में वजन बढ़ना, ठीक से ना खाना भी हिर्स्चस्प्रुंग के लक्षण है.

यूं तो बच्चे में इस बीमारी की पहचान करना आसान है लेकिन कई बार इस बीमारी की पहचान नहीं हो पाती. बच्चों में इस बीमारी को पहचानने का सबसे आसान सा लक्षण है कि बच्‍चे पैदा होने के 48 घंटे बाद तक डार्क पॉटी नहीं करते. इस स्थिति को मैकोनियम कहते हैं.

जिन लोगों को बहुत ज्यादा कब्ज की शिकायत रहती है उन्हें स्टोमा सर्जरी की जरूरत पड़ती है. हिर्स्चस्प्रुंग का इलाज बिना सर्जरी के नहीं किया जा सकता.

नोट: आप किसी भी सुझाव पर अमल या इलाज शुरू करने से पहले अपने डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें.