Diabetes Treatment: आयुर्वेद से संभव है डायबिटीज का इलाज, इन औषधियों और पद्धितियों का किया जाता है उपयोग
Diabetes Treatment In Ayurveda: आपको जानकर आश्चर्य भी होगा और खुशी भी कि आयुर्वेद में उन कई बीमारियों का उपचार हो सकता है जिन्हें अंग्रेजी दवाएं ठीक नहीं कर पाती हैं. शुगर भी एक ऐसी ही बीमारी है...
Diabetes Treatment In Ayurveda: डायबिटीज यानी शुगर की बीमारी को लाइलाज माना जाता है. हालांकि आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धिति द्वारा रोगियों का उपचार करने वाले वैद्य इस बात से पूरी तरह इत्तेफाक नहीं रखते हैं. क्योंकि आयुर्वेद के अनुसार, बहुत सारी कंडीशन्स में डायबिटीज के रोग को पूरी तरह कंट्रोल किया जा सकता है और ठीक भी किया जा सकता है. आयुर्वेद की चिकित्सा में ऐसी कई प्रॉसेस हैं, जो बिना ऑपरेशन और मशीनों का उपयोग किए हैरान करने वाले परिणाम देती हैं. यहां जानें किसी अनुभवी आयुर्वेदिक चिकित्सक से अपना उपचार कराकर आप कैसे शुगर की समस्या से निजात पा सकते हैं...
आयुर्वेद में डायबिटीज को मधुमेह कहा जाता है. हम सभी जानते हैं कि रक्त में ग्लूकोज की मात्रा बढ़ने के कारण मधुमेह की समस्या होती है. आयुर्वेद में इस बीमारी का उपचार चरक संहिता और सुश्रुत संहिता में वर्णित किया गया है. वहीं से उपचार के कुछ प्रभावी उपायों को हम आपके साथ साझा कर रहे हैं ताकि आयुर्वेदिक उपचारके बारे में आपकी जानकारी बढ़ सके और आपना या अपने प्रियजनों की शुगर का इलाज करा सकें और स्वस्थ हो सकें.
आयुर्वेद और शुगर की बीमारी
- आयुर्वेद में माना जाता है कि मधुमेह का रोग शरीर की चयापचय प्रणाली यानी मेटाबॉलिज़म में समस्या होने के कारण होता है. मेटाबॉलिज़म शरीर की एक प्रॉसेस है, जिसके दौरान शरीर भोजन से प्राप्त पोषक तत्वों का उपयोग करके उनसे ऊर्जा प्राप्त करता है.
- जब मेटाबॉलिज़म में गड़बड़ हो जाती है तो शरीर में मौजूद इंसुलिन हॉर्मोन या तो सही तरके से काम करना बंद कर देता है या फिर इस हॉर्मोन की कमी शरीर के अंदर हो जाती है, जिससे खून में शुगर की मात्रा बढ़ने लगती है.
आयुर्वेद में डायबिटीज का इलाज कैसे किया जाता है?
- आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धिति के अंदर कई ऐसी अलग-अलग उपचार विधियां हैं, जिनका उपयोग करके रोगी के मेटाबॉलिज़म को सही किया जाता है. आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धिति की विशेषता यह है कि यह रोग को नहीं बल्कि रोग के कारणों को दूर करने पर काम करती है. ताकि रोग जड़ से दूर हो सके और रोगी को बार-बार दवाओं का सेवन ना करना पड़े.
- आयुर्वेद में हर बीमारी के लिए तीन दोषों में से कोई एक दोष कारण होता है. इन दोषों को वात-पित्त और कफ के रूप में जाना जाता है. मधुमेह के बारे में भी यह बात लागू होती है. इसलिए इस रोग के प्रकार के आधार पर इसे वात प्रमेह, पित्त प्रमेह और कफ प्रमेह कहा जाता है.
- आयुर्वेद में माना जाता है कि यदि डायबिटीज का कफ बढ़ने के कारण हुई है तो इसे पूरी तरह ठीक किया जा सकता है. यदि पित्त बढ़ने के कारण हुई है तो इसे कंट्रोल किया जा सकता है. लेकिन यदि वात बढ़ने के कारण हुई है तो ये लाइलाज बीमारी है लेकिन औषधियों, खान-पान और सही जीवन शैली के माध्यम से रोगी की लाइफ को स्मूद किया जा सकता है.
इन औषधियों से किया जाता है डायबिटीज का इलाज
- गुडूची
- आमलकी
- निशा आमलकी
- गुड़मार
- फलत्रिकादी क्वाथ
- मेथी
- कतकखदिरादि कषाय
- निशा कतकादिकषाय
- करावेल्लका
डायबिटीज होने का मेन कारण क्या है?
आयुर्वेद के अनुसार मधुमेह होने के मुख्य कारणों में ये चीजें शामिल हैं...
- सही आहार का अभाव यानी प्रॉपर डायट ना लेना
- खराब लाइफस्टाइल यानी सोने-जागने, खाने-पीने, उठने-बैठने किसी भी सलीके को फॉलो ना करना
- शरीर में कफ प्रकृति का विकास होना.
- बहुत अधिक प्रदूषण वाली जगह पर रहना.
- शारीरिक रूप से ऐक्टिव ना रहना
- गलत दवाओं का लंबे समय तक सेवन करना
- अनुवांशिक कारणों से भी मधुमेह होता है.
Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों व दावों को केवल सुझाव के रूप में लें, एबीपी न्यूज़ इनकी पुष्टि नहीं करता है. इस तरह के किसी भी उपचार/दवा/डाइट और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.
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