अक्सर हम अपने दिन की शुरुआत कॉफी से करते है. लेकिन क्या आप जानते हैं ऐसा रोज करने से आपकी सेहत पर नुकसान काफी ज्यादा हो सकता है. कई रिपोर्ट में सामने आया है कि कॉफी पीने से आपकी आंखों की रोशनी पर भी असर पड़ता है और यहां तक कि आंखों की रोशनी जाने का खतरा बढ़ सकता है. अब सवाल है कि आखिर कॉफी आंखों पर किस तरह से असर डालती है और किस तरह से इसका बचाव किया जा सकता है?
हाल ही में एक रिपोर्ट सामने आई थी, जिसमें कहा गया था कि जो लोग दिन में तीन कप से ज्यादा कैफीनेटेड कॉफी पीते हैं, उन्हें 66% ग्लोकोमा (मोतियाबिंद) होने का खतरा रहता है. साथ ही कहा गया था कि ये संख्या उन लोगों के मुकाबले काफी ज्यादा है, जो कॉफी नहीं पीते हैं. इसके साथ ही यह भी कहा गया कि अगर परिवार में मोतियाबिंद की हिस्ट्री रहती है तो इसकी संभावना ज्यादा रहती है. वहीं, इसका खतरा महिलाओं में ज्यादा रहता है. रिपोर्ट के अनुसार, जिन लोगों ने हर रोज 500mg से ज्यादा कैफीन का सेवन किया है, उनमे ग्लोकोमा होने के ज्यादा चांसेज होते हैं. वहीं, जो दिन में 125gm से कम कैफीन का सेवन करते हैं, उनमें इसका डर कम रहता है.
कैसे कैफीन आंखों पर डालता है असर
कुछ रिसर्च में ये दावा किया गया है कि कैफनेटेड कॉफी आंखो पर प्रेशर बनाती है. ये होमोसिस्टीन नाम के अमीनों एसिड के स्तर को बढ़ावा देती है जो ग्लोकोमा यानी मोतियाबिंद होने की सबसे बड़ी वजह बताई जाती है. इसके साथ ही ये भी बात सामने आ रही है कि कैफीन आंखों के ब्लड वेसल्स को कम कर रहा है. ये खून के बहाव को रोकता है और ग्लोकोमा के आपटिक नर्व को नुकसान पहुंचाता है, जिससे आंखों की रोशनी कम होती जा रही है.
ऐसे रखें आंखों का ख्याल
आंखों का रेगुलर चेकअप करवाते रहें.
एक पूरी बैलेंस डाइट लेने और डेली एक्सरसाइज करने से डायबिटीज से बचा जा सकता है.
हरे पत्ते वाली सब्जी और ताजी मछली आंखो के लिए बहुत फायदेमंद है, इसका सेवन ज्यादा से ज्यादा करें.
गेम खेलते समय हमेशा आंखों का ध्यान रखें. आंखों को गहरी चोट लगने से बचाएं.
सूरज की रोशनी में निकलने से पहले सन ग्लास जरूर लगाएं.
कम्प्यूटर स्क्रीन से ब्रेक लेते रहें और आंखों पर जोर ना पड़ने दें.
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