प्रेग्नेंसी में पपीता खाने से क्या गर्भपात हो जाता है? जानिए इसके बारे में सबकुछ
अक्सर आपने सुना होगा कि प्रेगनेंसी में पपीते का सेवन नहीं करना चाहिए. कुछ लोग तो ये भी कहते हैं कि गर्भवती महिला अगर पपीता खा ले तो उसका मिसकैरेज हो सकता है. जानिए,इस बात में कितनी सच्चाई है?
Papaya In Pregnancy: प्रेगनेंसी में खास ख्याल रखना पड़ता है क्योंकि जच्चा और बच्चा दोनों की सुरक्षा मायने रखती है. जरा सी भूल से मां और बच्चे दोनों पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है. यही वजह है कि इस वक्त खानपान का खास ख्याल रखा जाता है. अक्सर आपने सुना होगा कि प्रेगनेंसी में पपीते का सेवन नहीं करना चाहिए.घर में बड़े बुजुर्ग तो कहते ही हैं, डॉक्टर्स का भी यही कहना होता है. यहां तक कि कुछ लोग तो यह भी कहते हैं कि गर्भवती महिला अगर पपीता खा ले तो उसका मिसकैरेज हो सकता है. इस बात में कितनी सच्चाई है? आइए जानते हैं इस बारे में. क्या वाकई पपीता खाने से गर्भपात हो जाता है?
प्रेगनेंसी में पपीता के सेवन पर डॉक्टर्स की राय
डॉक्टर के मुताबिक कच्चे या अधपके पपीते में लेटेक्स और पेपेन होता है, जो पेट में पल रहे भ्रूण के लिए नुकसानदायक होता है. बता दें कि पपीते में मौजूद लेटेक्स की मात्रा से गर्भाशय सिकुड़ जाता है जो भ्रूण के लिए खतरनाक हो सकता है.हालांकि पका हुआ पपीता खाना प्रेगनेंसी में फायदेमंद है, लेकिन लोग पके और अधपके पपीते में कंफ्यूज हो जाते हैं ऐसे में बच्चे को कोई नुकसान ना हो इसलिए डॉक्टर पपीता खाने से ही मना कर देते हैं.
जब एकदम पका हो पपीता खाएं
वहीं कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि गर्भावस्था में पपीता खाया जा सकता है, लेकिन अगर वो पूरी तरह से पका हुआ हो और इसका प्रयोग कम मात्रा में किया जाना चाहिए. पूरी तरह से पका हुआ पपीता विटामिन सी और विटामिन इ का स्रोत होता है और इसमें फाइबर के साथ ही फोलिक एसिड भरपूर मात्रा में पाया जाता है जो फायदेमंद है.
क्या कहती है सट़्डी
एक स्टडी के मुताबिक दावा किया गया है कि गर्भावस्था में कच्चा पपीता खाने से गर्भपात या प्रीमेच्योर डिलीवरी का खतरा बढ़ता है, जबकि पका हुआ पपीता खाने से नुकसान की संभावना कम होती है. साल 2002 में प्रकाशित एक स्टडी के परिणामों में कहा गया है कि पका पपीता खाने वाली गर्भवती चुहिया में गर्भपात की संभावना बहुत कम देखी गई, पर कच्चा पपीता खाने से मिसकैरेज और समय से पहले प्रसव की आशंका काफी अधिक देखी गई है.एक्सपर्ट का मानना है कि कच्चे पपीते में लेटेक्स की मात्रा अधिक होती है और उन में पाए जाने वाले एंजाइम के कारण ऐसा हुआ हालांकि अभी तक मनुष्य पर इस तरह की कोई स्टडीज या रिसर्च नहीं हुई है इसलिए यह नहीं कहा जा सकता कि पपीते का सेवन पूरी तरह से सुरक्षित है या असुरक्षित.
ये भी पढ़ें: Disadvantages of Wearing Sweater at Night: रात को स्वेटर पहनकर सोते हैं आप, तो हेल्थ से जुड़े इन नुकसान को भी जान लें
Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों व दावों को केवल सुझाव के रूप में लें, एबीपी न्यूज़ इनकी पुष्टि नहीं करता है. इस तरह के किसी भी उपचार/दवा/डाइट और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.
Check out below Health Tools-
Calculate Your Body Mass Index ( BMI )