ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की ताजा रिसर्च से मीट के सैचुरेटेड फैट खाने और हार्ट रोग होने के बीच संभावित संबंध का पता चला है. रिसर्च को एक लाख से ज्यादा लोगों पर किया गया था. शोधकर्ता डॉक्टर रेबेका केली बताती हैं, "अवलोकनात्मक रिसर्च में सैचुरेटेड फैट और कार्डियोवैस्कुलर रोग के जोखिम के बीच देखा गया संबंध पूर्व के रिसर्च में अस्पष्ट रहा है; हमारे नतीजे इसलिए महत्वपूर्ण हैं क्योंकि ये संभावित स्पष्टीकरण होता है- यानी फूड स्रोत के आधार पर संबंध अलग हो सकते हैं." उन्होंने आगे कहा, "हमने पाया कि मीट का सैचुरेटेड फैट दूसरे फूड स्रोतों के मुकाबले ज्यादा जोखिम से जुड़ सकता है." 


सैचुरेटेड फैट खाने से बढ़ता है दिल की बीमारियों का जोखिम


कार्डियोवैस्कुल रोग दुनिया भर में मौत और विकलांगता का प्रमुख कारण है. अधिक मात्रा में सैचुरेटेड फैट खाने का संबंध ज्यादा बैड कोलेस्ट्रोल से जुड़ता है, जो कार्डियोवैस्कुलर बीमारी का जोखिम बढ़ाता है. कुछ सबूत से खुलासा होता है कि सुचैरेटेड फैट में भरपूर कई प्रकार के फूड्स, विशेषकर मीट और डेयरी का कार्डियोवैस्कुलर रोग से अलग जुड़ाव हो सकता है. इसलिए, इस रिसर्च में जांचा गया कि कैसे अलग-अलग फूड्स के सैचुरेटेड फैट इस्केमिक हार्ट रोग, स्ट्रोक और कुल कार्डियोवैस्कुलर रोग से संबंधित है.


शोधकर्ताओं ने करीब 8.5 साल तक अस्पताल और मौत के रिकॉर्ड की सूचना का इस्तेमाल करते हुए ये पता लगाया कि क्या प्रतिभागियों को कार्डियोवैस्कुलर रोग हुआ. फॉलोअप पीरि्यड के दौरान कुल कार्डियोवैस्कुलर रोग, दिल का रोग और स्ट्रोक क्रमानुसार  4,365, 3,394, और 1,041 प्रतिभागियों में हुआ. डेटा का आकलन कर विश्लेषण किया गया कि क्या कार्डियोवैस्कुलर रोग के नतीजों और विभिन्न फूड्स के सुचैरेटेड फैट और कुल सैचुरेटेड फैट का सेवन के बीच कोई संबंध है. शोधकर्ताओं ने कहा कि कार्डियोवैस्कुलर रोग के नतीजों और कुल सैचुरेटेड फैट के बीच कोई साफ संबंध नहीं थे. 


ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की रिसर्च में जानने की हुई कोशिश


डॉक्टर केली ने कहा, "हमारे नतीजे बताते हैं कि बॉडी मास इंडेक्स में अंतर जिम्मेदार हो सकता है. उन्होंने बताया कि आहार संबंधी सलाह में सैचुरेटेड फैट से रोजाना ऊर्जा का 10 फीसद से कम इस्तेमाल करने की सिफारिश की जाती है. रिसर्च के मुताबिक, नतीजे सैचुरेटेड फैट के विभिन्न फूड स्रोत और कार्डियोवैस्कुलर रोग के जोखिम की जांच करने पर जोर देते हैं. आगे रिसर्च की जरूरत है ये सुनिश्चित करने के लिए कि ये अवलोकन आहार या गैर-आहार फैक्टर से प्रभावित नहीं हुए जिसको इस रिसर्च में नहीं आंका गया. 


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