क्या मेनोपॉज के बाद महिलाओं का वजन बढ़ जाता है? जानें क्या है सही जवाब
मेनोपॉज के बाद महिलाओं का वजन बढ़ना आम बात है, लेकिन हर महिला का वजन बढ़ेगा, ऐसा जरूरी नहीं है. हार्मोनल बदलाव और धीमे मेटाबॉलिज्म के कारण वजन बढ़ सकता है.
मेनोपॉज एक नेचुरल प्रक्रिया है जिसमें महिलाओं के पीरियड्स स्थायी रूप से बंद हो जाते हैं. यह आमतौर पर 45 से 55 साल की उम्र के बीच होता है. मेनोपॉज के दौरान और इसके बाद महिलाओं के शरीर में कई बदलाव आते हैं, जिनमें वजन बढ़ना भी शामिल हो सकता है. लेकिन क्या हर महिला का वजन मेनोपॉज के बाद बढ़ता है? आइए, इस सवाल का सही जवाब जानें.
मेनोपॉज और वजन बढ़ने का कारण
मेनोपॉज के दौरान हार्मोनल बदलाव होते हैं. खासतौर पर, एस्ट्रोजन हार्मोन की कमी से मेटाबॉलिज्म धीमा हो जाता है, जिससे कैलोरी बर्न करने की क्षमता कम हो जाती है. इसी कारण से वजन बढ़ने की संभावना बढ़ जाती है. इसके अलावा, उम्र बढ़ने के साथ-साथ शारीरिक गतिविधियों में कमी आना भी वजन बढ़ने का एक बड़ा कारण हो सकता है.
क्या सभी महिलाओं का वजन बढ़ता है?
यह जरूरी नहीं है कि मेनोपॉज के बाद सभी महिलाओं का वजन बढ़े।.यह काफी हद तक इस बात पर निर्भर करता है कि आप अपनी लाइफस्टाइल और डाइट का कितना ध्यान रखती हैं. अगर आप रोजाना रूप से एक्सरसाइज करती हैं, बैलेंस डाइट लेती हैं, और तनाव को कम करती हैं, तो आपका वजन कंट्रोल रह सकता है.
वजन बढ़ने से कैसे बचें?
- बैंलेंस डाइट : अपने भोजन में फल, सब्जियां, और फाइबर शामिल करें. चीनी और जंक फूड से दूरी बनाए रखें.
- रोजाना एक्सरसाइज: रोजाना कम से कम 30 मिनट पैदल चलें या योग करें. इससे मेटाबॉलिज्म तेज होता है और वजन नियंत्रित रहता है.
- पर्याप्त नींद: अच्छी नींद सेहत के लिए बहुत जरूरी है. इससे शरीर को आराम मिलता है और वजन बढ़ने की संभावना कम होती है.
- तनाव कम करें: तनाव से भी वजन बढ़ सकता है, इसलिए ध्यान, योग, और अन्य तकनीकों से तनाव को कम करने की कोशिश करें.
जानें अन्य बातें
मेनोपॉज के बाद वजन बढ़ना एक आम समस्या है, लेकिन इसे सही खानपान और जीवनशैली के जरिए नियंत्रित किया जा सकता है. हर महिला का शरीर अलग होता है, इसलिए यह जरूरी है कि आप अपने शरीर की जरूरतों को समझें और उसी के अनुसार कदम उठाएं. अगर आपको वजन बढ़ने की चिंता है, तो अपने डॉक्टर से सलाह लेना सबसे बेहतर ऑप्शन हैं.
मेनोपॉज जानें का सही उम्र कब है
मेनोपॉज वह समय होता है जब महिलाओं के पीरियड्स हमेशा के लिए बंद हो जाते हैं. यह आमतौर पर 45 से 55 साल की उम्र के बीच होता है. हालांकि, हर महिला का शरीर अलग होता है, इसलिए कुछ महिलाओं में यह 40 साल की उम्र से पहले या 55र साल के बाद भी हो सकता है. अगर 40 साल से पहले मेनोपॉज हो जाए, तो इसे 'अर्ली मेनोपॉज' कहा जाता है. अगर 55 साल के बाद होता है, तो इसे 'लेट मेनोपॉज' माना जाता है. मेनोपॉज की उम्र इस बात पर भी निर्भर करती है कि आपके पीरियड्स कब शुरू हुए थे, आपके परिवार में मेनोपॉज की उम्र क्या रही है, और आपकी लाइफस्टाइल कैसी है. हर महिला का अनुभव अलग हो सकता है.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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