बाइपोलर डिसऑर्डर एक मानसिक बीमारी है जिसमें व्यक्ति का मूड अचानक बदलता है. कभी वे बहुत खुश और उत्साहित होते हैं, मानो दुनिया की सारी खुशियां उनके पास हैं. वे बहुत ऊर्जा से भरे रहते हैं, तेजी से बोलते हैं और काम करते हैं. लेकिन फिर अचानक, बिना किसी कारण के, उनका मूड बदल जाता है. वे बहुत उदास हो जाते हैं, निराशा में डूब जाते हैं, और कुछ भी करने का मन नहीं करता. यह बीमारी उनके जीवन को बहुत प्रभावित करती है. इससे उनके काम, रिश्ते काफी प्रभावित होती है



बाइपोलर डिसऑर्डर के लक्षण
मैनिक एपिसोड (बहुत खुश होने के समय):



  • बहुत ज्यादा खुशी या उत्तेजना

  • बहुत तेज बोलना

  • बहुत कम सोना लेकिन फिर भी ऊर्जा से भरपूर होना

  • जोखिम भरे काम करना, जैसे बहुत ज्यादा खर्च करना या तेज गाड़ी चलाना


डिप्रेसिव एपिसोड (बहुत उदास होने के समय):



  • बहुत ज्यादा उदासी या निराशा

  • थकान और ऊर्जा की कमी

  • नींद में बदलाव, जैसे बहुत ज्यादा या बहुत कम सोना

  • आत्महत्या के विचार आना


बाइपोलर डिसऑर्डर के कारण
बाइपोलर डिसऑर्डर के कारण पूरी तरह से समझ में नहीं आए हैं, लेकिन इसमें जेनेटिक (वंशानुगत) और पर्यावरणीय कारण शामिल हो सकते हैं. अगर आपके परिवार में किसी को यह बीमारी है, तो आपके इसमें होने की संभावना बढ़ जाती है. इसके अलावा, तनावपूर्ण जीवन की घटनाएं भी इस बीमारी को ट्रिगर कर सकती हैं. 


बाइपोलर डिसऑर्डर का इलाज
बाइपोलर डिसऑर्डर का इलाज संभव है और इससे व्यक्ति की जिंदगी बेहतर हो सकती है. इसका इलाज आमतौर पर दवाइयों और थेरेपी (परामर्श) से किया जाता है. 


दवाइयां



  • मूड स्टेबलाइजर्स: ये दवाइयां मूड स्विंग्स (मूड के बदलने) को नियंत्रित करती हैं.

  • एंटीडिप्रेसेंट्स: ये दवाइयां उदासी को कम करती हैं.

  • एंटीसाइकोटिक्स: ये दवाइयां अत्यधिक मैनिक एपिसोड्स को कंट्रोल करती हैं. 


थेरेपी



  • संज्ञानात्मक व्यवहार थेरेपी (CBT): यह थेरेपी व्यक्ति को नकारात्मक सोच को बदलने और समस्याओं का हल ढूंढने में मदद करती है.

  • इंटरपर्सनल थेरेपी: यह थेरेपी संबंधों में सुधार लाने और भावनात्मक समस्याओं को हल करने में मदद करती है. 



जानें क्या लें डाइट में 
बाइपोलर डिसऑर्डर वाले व्यक्ति को संतुलित और पौष्टिक खाना खाना चाहिए. ताजे फल, सब्जियां, नट्स, और प्रोटीन वाली चीजें, जैसे दालें और अंडे, शामिल करें. मछली और अलसी के बीज, जिनमें ओमेगा-3 फैटी एसिड होता है, भी फायदेमंद हैं. ज्यादा चाय, कॉफी और मीठी चीजें खाने से बचें. नियमित रूप से पानी पिएं और समय पर खाना खाएं. इस तरह की डाइट से बाइपोलर डिसऑर्डर के लक्षणों को नियंत्रित करने में मदद मिलती है और मेंटल हेल्थ अच्छी रहती है. 


Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.


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