'ईस्ट ऑफ कैलाश' के मैक्स पेटज हॉस्पिटल में छोटे जानवरों के इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजिस्ट डॉक्टर भानु शर्मा ने बीते रविवार को कहा कि 7 साल का कुत्ता जिसका नाम बीगल जूलियट है. वह पिछले दो सालों से माइट्रल वॉल्व की बीमारी से पीड़ित थे. जानवर में ऐसी स्थिति की शुरुआत तब होती है जब माइट्रल वाल्व लीफलेट्स में अंदुरनी परिवर्तन होते हैं.


जिसके कारण हार्ट के लेफ्ट साइड में ब्लॉकेज होने लगते हैं लेकिन इस सर्जरी के बाद हार्ट के अंदर ब्लड सर्कुलेशन वापस से ठीक हो जाते हैं. अगर इस बीमारी का इलाज वक्त रहते नहीं किया गया तो हार्ट फेल होने की संभावना हो सकती है. 


 इस कहा जाता है हाइब्रिड सर्जरी


डॉक्टरों ने 30 मई को वाल्व क्लैंप का इस्तेमाल करते हुए ट्रांसकैथेटर एज-टू-एज रिपेयर की प्रक्रिया की. इसे हाइब्रिड सर्जरी भी कहा जाता है. क्योंकि इसमें माइक्रो और इंटरवेंशनल सर्जरी दोनों की प्रकिया होती है. यह प्रक्रिया न्यूनतम इनवेसिव है क्योंकि इसमें दिल की धड़कने वाली प्रकिया है. यह ओपन हार्ट सर्जरी की तरह नहीं है. जिसमें फेफड़ों को बाइपास मशीन की जरूरत पड़े. 


जिस पपी का ऑपरेशन हुआ है उसके केयर टेकर के मुताबिक पिछले एक साल से जूलियट दिल की बीमारी वाली दवा खा रहा था. उन्होंने कहा कि जब वह अमेरिका में जब उन्हें इस सर्जरी का पता चला तो 2 साल पहले वह कोलोराडो राज्य यूनिवर्सिटी में इस सर्जरी के बारे में पता चला था. सर्जरी के दिन बाद ही कुत्ते की मेडिकल कंडीशन देखते हुए उन्हें छुट्टी दे दी गई थी. 


डॉक्टर शर्मा के मुताबिक टीईईआर पूरी तरह से एक खास तरह के प्रोसेस पर काम करता है. इसमें धड़कते दिल में ट्रांस ओसोफेजियल 4 डी इकोकार्डियोग्राफी और फ्लोरोस्कोपी के तहत सर्जरी की जाती है. इसमें ऑपरेशन करने के लिए छाती पर एक छोटा सी चीरा लगाया जाता है. जिसके बाद एक कैथेटर के जरिए दो पाइप को अंदर डाला जाता है. इसके जरिए वॉल्व में रिसाव कम करने के लिए किया जाता है. साथ ही जो बीमार माइट्रेल वाल्व को एक साथ जोड़ा जाता है. 


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