एक्सप्लोरर
Advertisement
समय पर भांप लेंगे यूरीन में आ रहे ये बदलाव तो इस गंभीर बीमारी से बच सकते हैं आप
Prostate Cancer Symptoms: प्रोस्टेट कैंसर पुरुषों में होने वाला एक कैंसर है. जिसके कुछ लक्षण यूरिन में नजर आने लगते हैं. जानिए क्या हैं वो लक्षण.
Signs Of Prostate Cancer: प्रोस्टेट कैंसर एक ऐसा कैंसर है जो सात में से एक पुरुष में मिल सकता है. इस कैंसर के नाम से ही जाहिर है कि ये प्रोस्टेट ग्लैंड में होता है. ये ऐसी ग्लैंड होती है जो ब्लाडर के नीचे और जेनाइटल अंग के पीछे होती है. इस ग्रंथि में ट्यूमर के साथ कैंसर पनप सकता है. आमतौर पर पचास साल की उम्र के बाद इस कैंसर के होने की संभावना होती है. जब ट्यूमर या किसी अन्य वजह से प्रोस्टेट ग्लैंड का आकार बढ़ने लगता है. समय रहते इस कैंसर का पता चलने पर इससे राहत भी मिल सकती है. अधिकांश केसेस में प्रोस्टेट कैंसर के होने पर यूरिन में बदलाव नजर आने लगते हैं.
यूरिन में खून आना
यूरिन पास करते समय अगर ब्लड आता है तो उसे नजरअंदाज करने या हल्के में लेने की गलती न करें. इस खून की वजह प्रोस्टेट या ब्लाडर का कैंसर हो सकती है.
धीमा फ्लो
अगर किसी को ऐसा महसूस होता है कि यूरिन का फ्लो धीमा हो गया है या फिर यूरिन होने में ही मुश्किल आ रही है तो ये भी इग्नोर करने वाली बात नहीं है.
बार बार यूरिन आना
इस कैंसर के लक्षणों में यूरिन बार बार आना महसूस होना भी है. अक्सर पुरुषों को ये लगता है कि उनका ब्लाडर पूरी तरह खाली नहीं हुआ है. जिस वजह से वो बार बार यूरिन पास करने की कोशिश करता है. जबकि यूरिन आती नहीं है. खासतौर से रात में बार बार यूरिन जाने की जरूरत महसूस होती है तो हालात चिंताजनक हो सकते हैं.
यूरिन रोकने में परेशानी
यूरिन को ज्यादा देर तक रोक कर रखने में भी इस बीमारी में तकलीफ होती है. इन लक्षणों के अलावा वजन घटना, पेट में तेज दर्द या पैरों में सूजन आना भी प्रोस्टेट कैंसर के लक्षण हो सकते हैं.
यह भी पढ़ें
Check out below Health Tools-
Calculate Your Body Mass Index ( BMI )
हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें ABP News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ लाइव पर पढ़ें बॉलीवुड, लाइफस्टाइल, लाइफस्टाइल और खेल जगत, से जुड़ी ख़बरें
और देखें
Advertisement
ट्रेंडिंग न्यूज
Advertisement
Advertisement
टॉप हेडलाइंस
इंडिया
महाराष्ट्र
बॉलीवुड
क्रिकेट
Advertisement
संजीव श्रीवास्तव, फॉरेन एक्सपर्ट
Opinion