Down Syndrome: डाउन सिंड्रोम एक जेनेटिक बीमारी है. डाउन सिंड्रोम वाले बच्चे आम बच्चों से अलग दिखते हैं और उनकी एक्टिविटी भी अलग होती है. दरअसल, इसके पीछे का कारण क्रोमोजोम में गड़बड़ी होती है. प्रेग्नेंसी के दौरान अक्सर महिलाओं को खानपान और लाइफस्टाइल का खास ध्यान रखने की जरूरत है.
प्रेग्नेंसी के दौरान खानपान का खास ध्यान रखना बेहद जरूरी होता है. क्योंकि प्रेग्नेंसी के दौरान अगर आपकी लाइफस्टाइल या खानपान में थोड़ी सी गड़बड़ी होगी तो इसका सीधा असर बच्चे पर पड़ता है. बच्चा स्वस्थ्य और हेल्दी हो इसलिए प्रेग्नेंसी के पूरे सफर में एक मां को कुछ खास बातों का ध्यान रखना चाहिए.
Down Syndrome की बीमारी क्या है?
दरअसल, डाउन सिंड्रोम एक जेनेटिक डिसऑर्डर की बीमारी है. यह अक्सर क्रोमोजोम में गड़बड़ी के कारण होता है. दरअसल, जिन बच्चों को डाउन सिंड्रोम की बीमारी होती है उनमें एक एक्सट्रा क्रोमोजोम होता है. आम बोलचाल की भाषा में कहें तो एक नॉर्मल बच्चे में क्रोमोजोम की संख्या 46 होती है . यानि मां से 23 और पिता से 23 लेकिन डाउन सिंड्रोम से पीड़ित बच्चों में यह क्रोमोजोम की संख्या 21 होती है. इस स्थिति को मेडिकल साइंस की भाषा में डाउन सिंड्रोम कहा जाता है. यह बीमारी बच्चे के दिमाग को काफी ज्यादा प्रभावित करता है. यानि बच्चे के दिमाग का विकास ठीक से नहीं होता है. 1000 में से एक बच्चे को इस गंभीर बीमारी का डर बना रहता है.
डाउन सिंड्रोम के लक्षण क्या है?
हर व्यक्ति में डाउन सिंड्रोम के लक्षण अलग-अलग होते हैं. अलग-अलग व्यक्ति में अलग-अलग दिक्कतें हो सकती है.
इस बीमारी से पीड़ित बच्चों का चेहरा सपाट, चपटी बॉडी, आंखें ऊपर की ओर तिरछी होना, छोटी गर्दन, छोटे हाथ और पैर, आकार के या छोटे कान, छोटे हाथ, छोटी उंगलियां और छोटे हाथ और पैर, छोटी हाइट, अलग तरह की नाक की डिजाइन.
डाउन सिंड्रोम के तो कई कारण हो सकते हैं लेकिन कुछ रिपोर्ट में खुलासा किया गया है कि इस वजह से होती है यह बीमारी.
बहरापन, स्लीप एपनिया यानि नींद में सांस लेना बंद हो जाना, कान में इंफेक्शन,आंख की बीमारी, जेनेटिक दिल की बीमारी, कब्ज की शिकायत, रीढ़ की हड्डी में दर्द, मोटापा आदि इसके कारण हो सकते हैं.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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