World Down Syndrome Day: क्या होते हैं वो कारण, जिनकी वजह से बढ़ जाते हैं डाउन सिंड्रोम बेबी होने के चांस
World Down Syndrome Day: हर साल 21 मार्च को डाउन सिंड्रोम डे पूरी दुनिया में मनाया जाता है. दरअसल, यह एक जेनेटिक बीमारी है. डाउन सिंड्रोम वाले बच्चे आम बच्चों से अलग होते हैं.
World Down Syndrome Day: हर साल 21 मार्च को डाउन सिंड्रोम डे पूरी दुनिया में मनाया जाता है. दरअसल, यह एक जेनेटिक बीमारी है. डाउन सिंड्रोम वाले बच्चे आम बच्चों से अलग होते हैं. दरअसल इसके पीछे का मुख्य कारण होता है क्रोमोजोम में गड़बड़ी.
प्रेग्नेंसी के दौरान अक्सर महिलाओं को खास ध्यान रखने के लिए कहा जाता है. प्रेग्नेंसी में खाने-पीने का खास ध्यान रखना बेहद जरूरी होता है. क्योंकि अगर आपकी लाइफस्टाइल अच्छी होगी तो इसका सीधा असर आपके बच्चे पर पड़ता है. और बच्चा स्वस्थ्य और हेल्दी होता है. लेकिन जरा सी लापरवाही के कारण प्रेग्नेंसी और डिलीवरी को काफी ज्यादा कष्टदायक बना सकती है.
Down Syndrome की बीमारी क्या है?
दरअसल, डाउन सिंड्रोम की बीमारी एक जेनेटिक डिसऑर्डर है. यह क्रोमोजोम में गड़बड़ी के कारण होता है. डाउन सिंड्रोम की स्थिति बच्चे में एक एक्सट्रा क्रोमोजोम होता है. बोलचाल की भाषा में बोले तो एक नॉर्मल बच्चे में क्रोमोसोम की संख्या 46 होती है. यानि मां से 23 और पिता से 23. वहीं डाउन सिंड्रोम से पीड़ित बच्चों में क्रोमोजोम की संख्या 47 होती है. इसे मेडिकल भाषा में डाउन सिंड्रोम कहा जाता है. इसे टाइसॉमी भी कहा जाता है. इस बीमारी में बच्चे का दिमाग सबसे अधिक प्रभावित होता है. यानि बच्चे के दिमाग का विकास ठीक से ढंग से नहीं होता है. 1000 में से एक बच्चे को इस बीमारी होने की संभावना होती है.
डाउन सिंड्रोम के लक्षण क्या है?
हर व्यक्ति में डाउन सिंड्रोम के लक्षण अलग-अलग होते हैं. अलग-अलग व्यक्ति में अलग-अलग दिक्कतें हो सकती है.
इस बीमारी से पीड़ित बच्चों का चेहरा सपाट, चपटी बॉडी, आंखें ऊपर की ओर तिरछी होना, छोटी गर्दन, छोटे हाथ और पैर, आकार के या छोटे कान, छोटे हाथ, छोटी उंगलियां और छोटे हाथ और पैर, छोटी हाइट, अलग तरह की नाक की डिजाइन.
डाउन सिंड्रोम के तो कई कारण हो सकते हैं लेकिन कुछ रिपोर्ट में खुलासा किया गया है कि इस वजह से होती है यह बीमारी.
बहरापन, स्लीप एपनिया यानि नींद में सांस लेना बंद हो जाना, कान में इंफेक्शन,आंख की बीमारी, जेनेटिक दिल की बीमारी, कब्ज की शिकायत, रीढ़ की हड्डी में दर्द, मोटापा आदि इसके कारण हो सकते हैं.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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