शराब पीने के बाद शरीर में क्यों होती है पानी की कमी? जान लीजिए इसका जवाब
निर्जलीकरण तब होता है जब शरीर में प्रभावी ढंग से काम करने के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी नहीं होती है. शराब का शरीर पर निर्जलीकरण प्रभाव पड़ता है, खासकर जब कोई व्यक्ति बहुत ज्यादा शराब पीता है.
शराब पीने के बाद शरीर में डिहाईड्रेशन तब होती है क्योंकि ज्यादातर शरीर का पानी टॉयलेट के जरिए शरीर से निकल जाता है. निर्जलीकरण तब होता है जब शरीर में प्रभावी ढंग से काम करने के लिए पर्याप्त मात्रा में तरल पदार्थ नहीं होता है. ऐसा तब होता है जब कोई व्यक्ति जितना तरल पदार्थ लेता है, उससे ज़्यादा खो देता है. मूत्रवर्धक का उपयोग करने से निर्जलीकरण हो सकता है. ये ऐसे पदार्थ हैं जो मूत्र उत्पादन या मूत्रवर्धक को बढ़ावा देते हैं.
शराब एक मूत्रवर्धक है और इसलिए निर्जलीकरण का कारण बन सकती है. जब आप शराब पीते हैं, तो पेय पदार्थ का तरल और अल्कोहल दोनों ही आपके पेट की परत और छोटी आंत से होकर रक्तप्रवाह में चले जाते हैं. अगर आप खाली पेट शराब पीते हैं, तो शराब कुछ ही मिनटों में रक्तप्रवाह में अवशोषित हो जाती है. लेकिन अगर आप शराब पीते समय पानी पीते हैं या कुछ खाते हैं, तो इसमें ज़्यादा समय लग सकता है.
अब सवाल यह है कि पीते वक्त शराब में इतना पानी मिलाकर पीने के बाद भी गला क्यों सूखता है? क्या यह आम बात है या फिर इसको लेकर कुछ चिंता होनी चाहिए? आज हम आपको बताते हैं कि ऐसा आपके साथ क्यों होता है और इसका आपके स्वास्थ्य पर क्या असर पड़ता है? अगर पीने के बाद आप भी अपना मुंह असाधारण रूप से सूखा महसूस करता हैं तो यह खबर आपके बहुत काम की है. पढ़िए इस खबर को पूरा...
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भारत के राष्ट्रीय स्वास्थ्य पोर्टल के मुताबिक, भारत में ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में शराब का सेवन काफी आम है. कई अध्ययनों में पाया गया है कि शराब के सेवन से आपके मुंह पर भी बुरा असर पड़ता है, यही नहीं मध्यम शराब पीने से भी आपके मौखिक स्वास्थ्य पर असर पड़ सकता है. आइए जानते हैं शराब पीने से मुंह क्यों सूख जाता है और आपके स्वास्थ्य पर इसका क्या असर पड़ सकता है.
शराब से मुंह क्यों सूखता है?
प्यास लगने का सीधा सा मतलब होता हैं कि बॉडी में पानी की कमी हो रही हैं. दरअसल, इस क्रिया को हमारा ब्रेन कंट्रोल करता है. यूटी साउथवेस्टर्न शोधकर्ताओं ने अपनी स्टडी में एक ऐसे हार्मोन की पहचान की है जो विशिष्ट नुट्रिएंट्स स्ट्रेस के कारण दिमाग पर पानी पीने की इच्छा का दबाव बनाता है. उस हार्मोन का नाम एफजीएफ 21 (FGF-21) है. चीनी या अल्कोहल के संपर्क में आने पर लिवर में यह हार्मोन बनना शुरू होता है.
दरअसल, यह हार्मोन ब्लड में एक विशिष्ट भाग के लिए मस्तिष्क, हाइपोथैलेमस में प्यास को बढ़ाता है. जिससे समय से पहले ही डिहाइड्रेशन को रोका जा सके. इसीलिए शराब का सेवन करने पर इस हार्मोन का उत्पादन होता है और यह प्यास को प्रोत्साहित करता है. साथ ही भारत के राष्ट्रीय स्वास्थ्य पोर्टल की मानें तो शराब पीने से मुंह में लार कम बनती है जिसके कारण गला सूखता है.
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वास्तव में, कई अध्ययनों में पाया गया कि शराब पीने वालों में लार के स्राव में कमी होती है.
वही अध्ययन में यह भी आया कि शराब मूत्रवर्धक के रूप में कार्य करती है. जिसका मतलब यह हुआ कि लंबे समय तक शराब के सेवन के कारण आपके शरीर में तरल पदार्थ की मात्रा में कमी का अनुभव होता है. इसलिए आपको प्यास की अनुभूति होती है. निर्जलीकरण की स्थिति होने लार ही शराब पीने वाले गले में सूखापन महसूस कर सकते हैं.
मुंह सूखने लगता है
eDantSeva के मुताबिक , लार खाने में स्वाद बढ़ाती है साथ ही यह चबाने और निगलने में भी मदद करती है. इसके अलावा, लार में मौजूद एंजाइम पाचन में सहायता करते हैं. ऐसे में लार के प्रवाह में कमी आपके पाचन को प्रभावित कर सकती है. मुंह के शुष्क होने पर आपको चबाने और निगलने में कठिनाई हो सकती है. इसकी वजह से आपको प्लाक बिल्ड-अप, दांतों की सड़न और मसूड़ों की बीमारी जैसी समस्याएं देखने को मिल सकती हैं. मुंह के सूखने पर मुंह में या मुंह के कोनों पर छालों की समस्या भी हो सकती है.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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