Dry fruits for diabetic: जब भी हेल्दी खाने की बात आती है या खासकर हेल्दी मंचिंग की बात होती है तो ड्राय फ्रूट्स हमेशा एक विकल्प के रूप में देखे जाते हैं. सुबह उठकर पहली मील में इन्हें लेना हो या पोस्ट वर्कआउट मील के तौर पर ड्राय फ्रूट्स हर मामले में बढ़िया काम करते हैं. हालांकि डायबिटिक पेशेंट्स के साथ स्थिति थोड़ी बदल जाती है. डायबिटीज में ड्राय फ्रूट्स का सेवन कैसे करना है और कितना करना है इस पर एक्सपर्ट्स की राय अलग-अलग है. डायबिटीज की समस्या होने पर ड्राय फ्रूट्स का सेवन करते समय इन बातों का ध्यान रखें.




इस तरह के ड्राय फ्रूट्स कम खाएं –


ड्राय फ्रूट्स को सूरज की रोशनी में सुखाकर बनाया जाता है. ये न्यूट्रीएंट्स के मामले में काफी डेंस होते हैं. इनमें विटामिन्स, मिनरल्स, एंटीऑक्सीडेंट्स के साथ ही नेचुरल फॉर्म में पाई जाने वाली शुगर फ्रक्टोज़ भी होती है. इसलिए ड्राय फ्रूट्स में भी जो मेवे मीठे की कैटेगरी में गिने जाते हैं, उन्हें सीमित मात्रा में लें. जैसे खजूर, किशमिश, अंजीर आदि.




सीमित मात्रा है जरूरी –


ड्राय फ्रूट्स मीठे हो या नहीं लेकिन इन्हें सीमित मात्रा में ही लें. हेल्दी होने का मतलब यह नहीं है कि आपको दिन में जब भी भूख लगे आप ड्राय फ्रूट्स की मंचिग करने लगें. इनमें कुछ मात्रा में ऑयल यानी फैट होता है इसलिए इनका सेवन सीमा में करना चाहिए. हालांकि ड्राय फ्रूट्स में गुड फैट होता है पर तभी गुड रहता है जब दिन में तीन से चार टुकड़े सूखे मेवे ही लिए जाएं.




पानी में भिगोकर खाएं –


ड्राय फ्रूट्स से ज्यादा लाभ पाने के लिए इन्हें रातभर के लिए पानी में भिगो दें और सुबह इनका सेवन करें. पहली मील में भी भिगोए मेवे ले सकते हैं. बादम और अखरोट खासकर रातभर भिगोकर लेने से ज्यादा लाभ देते हैं. इन्हें तलकर या स्नैक के तौर पर न खाएं वरना ये फायदे की जगह नुकसान पहुंचाएंगे. कभी मीठा खाने का मन करे तो भी इनका चुनाव कर सकते हैं पर मात्रा का ख्याल हमेसा रखें. 


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