Dyslexia: क्या आपके बच्चे को अक्षरों में समानता या अंतर करने या नए शब्दों को सीखने में परेशानी हो रही है? क्या आपके बच्चे को स्कूल में पढ़ाई के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है? अगर हां तो ये डिस्लेक्सिया के कारण हो सकता है. डिस्लेक्सिया पढ़ने, लिखने, बोलने या लिखने की क्षमता को प्रभावित करती है. ये एक प्रकार का लर्निंग डिसऑर्डर है जिसके शिकार ज्यादातर बच्चे होते हैं. ये भी गौर करना जरूरी है कि डिस्लेक्सिया मेडिकल की एक स्थिति है न कि बुद्धि की कमी. इस न्यूरोलॉजिकल समस्या का वयस्क होने तक पता नहीं चल पाता है.
लक्षण और संकेत
पढ़ने में दुश्वारी
शब्दों या नामों का गलत उच्चारण
चैप्टर को याद करने में कठिनाई
स्पेलिंग के साथ समस्या
पढ़ने में दिलचस्पी का कम होना
याद्दाश्त की समस्याओं का होना
कारण
शोधकर्ताओं को अभी तक डिस्लेक्सिया का कारण नहीं समझ में आया है, लेकिन उनका मानना है कि विकास के दौरान कोई समस्या दिमाग को प्रभावित कर सकती है. शोधकर्ता उसके पीछे जेनेटिक्स की भूमिका को भी एक हिस्सा मानते हैं. डिस्लेक्सिया शारीरिक अक्षमता जैसे दृष्टि या सुनने की समस्या की वजह से नहीं होती है. डिस्लेक्सिया से पीड़ित ज्यादातर लोगों की बुद्धि औसत या औसत से ऊपर होती है. उनको जानकारी याद रखने, व्यवस्थित करने या हासिल करने में दुश्वारी होती है. डिस्लेक्सिया हमारे समाज में मौजूद है, हालांकि अच्छी तरह से पहचाना या समझा नहीं गया है. ये जीवन भर की स्थिति स्कूली बच्चों और व्यस्कों को प्रभावित करती है. परिवार और डॉक्टरों को समुदाय में मौजूद संसाधनों से वाकिफ होना चाहिए. ये एक जटिल न्यूरोलॉजिकल डिस्ऑर्डर है. डॉक्टर की भूमिका डिस्ऑर्डर से पीड़ित बच्चों के इलाज में स्पष्ट है. समर्थन से ज्यादातर पीड़ित बच्चे अपनी सीखने की क्षमता में सुधार कर लेते हैं.
इलाज
किताबों को पढ़ने के बजाए उनको टेप पर सुनना. नोट्स लिखने के बजाए टेप करना. स्पेलिंग और व्यायाकर चेक करने के लिए कंप्यूटर सॉफ्टवेयर की मदद लेना. स्पीच और लैंग्वेज, खास शिक्षा थेरेपी पर समय खर्च करना.
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