किस बीमारी से पीड़ित थे मुगल बादशाह अकबर, किन बच्चों को होती है यह दिक्कत?
अकबर बेशक अनपढ़ रहें लेकिन उनके पूरे कार्यकाल में कई विद्वान-लेखक और खास क्षेत्र में मुकाम पाने वालों को काफी ज्यादा सम्मान मिला.
अकबर बेशक अनपढ़ रहें लेकिन उनके पूरे कार्यकाल में कई विद्वान-लेखक और खास क्षेत्र में मुकाम पाने वालों को काफी ज्यादा सम्मान मिला. इस दौरान दरबार के नवरत्नों को खास जगह दी गई. दिलचस्प बात यह है कि बादशाहों में अरबी, उर्दू और फारसी सहित कई भाषाओं को जानकारी दी गई. इतिहासकार एंड्रे विंक के मुताबिक शहजादे अकबर को कई बार पढ़ाने-लिखाने की कोशिश की गई. लंबे कोशिशों के बावजूद भी अकबर को शिक्षित करने में लोग फेल हो गए. बचपन में अकबर का ये हाल देखकर पढ़ने के लिए हुमायूं उन्हें दूसरे देश तक भेज दिया.
डिस्लेक्सिया सीखने की अक्षमता है जो पढ़ने और भाषा से संबंधित कार्यों को कठिन बना देती है. यह आपके मस्तिष्क द्वारा लिखने की प्रक्रिया में व्यवधान के कारण होता है ताकि आप इसे समझ सकें. अधिकांश लोगों को बचपन में ही पता चल जाता है कि उन्हें डिस्लेक्सिया है, और यह आमतौर पर आजीवन समस्या बनी रहती है.
लक्षण
डिस्लेक्सिया से पीड़ित लोगों को पढ़ने की समझ. बात करने और शब्दों की पहचान करने में परेशानी हो सकती है. उनकी लिखावट भी गड़बड़ हो सकती है, बात करने के दौरान गलतियां हो सकती हैं और निर्देशों का पालन करने में परेशानी हो सकती है.
कारण
डिस्लेक्सिया मस्तिष्क के उन हिस्सों में अंतर के कारण होता है जो भाषा को संसाधित करते हैं. सटीक कारण अज्ञात हैं, लेकिन यह कम बुद्धि का लक्षण नहीं है.
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सहायता
डिस्लेक्सिया का कोई इलाज नहीं है, लेकिन सहायता से डिस्लेक्सिया से पीड़ित लोगों को उनके पढ़ने और लिखने के कौशल को बेहतर बनाने में मदद मिल सकती है. भाषा संरचना और ध्वन्यात्मकता पर केंद्रित पढ़ने का निर्देश मददगार हो सकता है.
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डिस्लेक्सिया से पीड़ित फेमस लोग
अकबर लियोनार्डो दा विंची, थॉमस एडिसन, स्टीफन स्पीलबर्ग, एफ. स्कॉट फिट्ज़गेराल्ड और चार्ल्स श्वाब सभी को डिस्लेक्सिया था.
किन बच्चों को होती है डिस्लेक्सिया की बीमारी
अगर किसी माता-पिता को डिस्लेक्सिया है, तो बच्चे को यह बीमारी होने की संभावना 30% से 50% होती है.
डाउन सिंड्रोम जैसी आनुवंशिक स्थितियों के कारण भी डिस्लेक्सिया होने की संभावना बढ़ जाती है.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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