(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Omicron: मुश्किल नहीं है ओमिक्रोन से बचना, ऐसे रखें मास्क से जुड़ी बातों का ध्यान
Omicron Safety Tips: जितनी तेजी से ओमिक्रोन का वायरस फैल रहा है, उसे देखकर डर लगना सामान्य बात है. लेकिन इससे बचने के तरीके इतने भी मुश्किल नहीं है. इसलिए मास्क से जुड़े ये रूल्स जरूर फॉलो करें.
Stay Safe Form Omicorn: ओमिक्रोन से बचना इतना भी मुश्किल नहीं है, जितना कि पहली नजर में लगता है. आप बहुत आसान और बेसिक चीजों को अपनी आदत में शामिल करके इस वायरस से बच सकते हैं. आप एक बात समझ लीजिए कि कोविड-19 के समय पर आपने जो भी सेफ्टी टिप्स अपनाए थे, उन्हें अपनाने की आदत अब सदा के लिए डाल लीजिए. ऐसा कहकर हम आपको डरा नहीं रहे हैं बल्कि ये बताने का प्रयास कर रहे हैं कि अगर हम लापरवाही करते रहे तो वायरस ऐसे ही म्यूटेट होता रहेगा और नए-नए रूप में सामने आता रहेगा.
इसलिए बेहतर यही है कि हम कुछ खास सेफ्टी टिप्स को अपनी आदत बना लें और जितना हो सके, जल्दी से जल्दी वायरस के फैलने की स्पीड पर म्यूटेशन पर लगाम लगा दें. ऐसा किसी एक या दो के करने से नहीं होगा. बल्कि हम सभी को इस वायरस के खिलाफ कमर कसनी होगी. WHO इस बात की पुष्टि कर चुका है कि ओमिक्रोन नाम का कोरोना वायरस गले को सबसे पहले संक्रमितक करता है. इसके बाद गले में ही अपनी ड्युप्लिकेट कॉपीज बनाना शुरू कर देता है, जो बातचीज के दौरान और सांस लेने, खांसने या छीकने के दौरान हवा में फैल जाती हैं और अन्य लोगों को अपने संक्रमण का शिकार बना लेती हैं.
यानी इस स्थिति में मास्क का महत्व कहीं अधिक बढ़ जाता है. इसलिए आप किसी भी सूरत में मास्क लगाए बिना घर से बाहर ना जाएं. किसी भी बाहरी व्यक्ति के घर में आने पर मास्क पहनकर ही उससे बात करें. जिस व्यक्ति ने मास्क ना पहना हो, उससे अधिक से अधिक दूरी बनाकर रखें और मास्क ना पहनने के लिए टोक दें. मास्क वो पहला और प्रभावी कारगर हथियार है, जो ओमिक्रोन के फैलने की स्पीड को कम कर सकता है.
मास्क को लेकर बरतें ये सावधानियां
- मास्क को एक बार उपयोग करने के बाद दोबारा बिना धुले उपयोग में ना लाएं.
- मास्क धोने के बाद धूप में सुखाएं. यदि धूप में सुखाना संभव ना हो तो मास्क को गर्म पानी में धोएं और फिर कुछ देर के लिए डेटॉल में भिगोकर रखें.
- सर्जिकल मास्क के उपयोग से बचें. यदि किसी कारण इसका उपयोग करना पड़े तो एक बार उपयोग के बाद इसे डिस्पोज कर दें.
- मास्क को इधर-उधर फेंकने से बचें. बल्कि इसे पेपर में लपेटकर सिर्फ डस्टबिन में डालें. खुले में मास्क फेंकना संक्रमण को बढ़ावा दे सकता है.
- एन-95 मास्क को इस वायरस से निपटने में बेहतर माना जा रहा है. हालांकि ये मास्क अन्य मास्क की तुलना में कुछ महंगे होते हैं और इन्हें बार-बार उपयोग ना करने की सलाह भी दी जाती है.
- ऐसे में कपड़े से बने मास्क ही भारतीय लोगों के लिए सबसे अधिक उपयुक्त हैं. क्योंकि इन्हें धोकर आसानी से बार-बार उपयोग में लाया जा सकता है. लेकिन कपड़े के मास्क में भी कुछ बातों का ध्यान अवश्य रखें.
किस कपड़े का मास्क है सबसे अच्छा?
- आप कॉटन से बने मास्का का उपयोग करें. इस बात का ध्यान रखें कि आपका मास्क सिर्फ सिंगल या डबल लेयर का नहीं होना चाहिए. मास्क में 5 से 6 परत होंगी तो वायरस से सुरक्षा अच्छी हो पाएगी. क्योंकि एक या दो परत वाला मास्क वायरस लोड को रोकने में सक्षम नहीं रहता है.
- वायरस लोड से अर्थ है कि यदि आप किसी ऐसे व्यक्ति के संपर्क में आते हैं, जिसे ओमिक्रोन का संक्रमण हो चुका है तो सिंगल लेयर या डबल लेयर के मास्क में वायरस आसानी से पास होकर आपकी सांसों के संपर्क में आ जाएगा. जबकि 5 से 6 लेयर वाले और थिक (सघन) कपड़े से बने मास्क में वायरस आसानी से पार नहीं हो पाते और आपकी सुरक्षा अधिक हो पाती है.
Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों व दावों की एबीपी न्यूज़ पुष्टि नहीं करता है. इनको केवल सुझाव के रूप में लें. इस तरह के किसी भी उपचार/दवा/डाइट पर अमल करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.
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