नईदिल्लीःगिनी में इंसानों पर किए गए एक बड़े टेस्ट में इबोला का एक टीका इस जानलेवा वायरस के खिलाफ 100 % इफेक्टिव देखा गया.

इबोला से लड़ने के लिए मिला हथियार

वर्ल्ड  हेल्थ ऑर्गनाइजेशन ने यह जानकारी देते हुए कहा है कि इससे डॉक्टर्स को इस बीमारी के किसी भावी प्रकोप से निपटने के लिए एक सुरक्षित और कारगर हथियार मिल गया है.

यह अब तक ज्ञात सबसे घातक रोगाणुओं में से एक से फैलने वाले इंफेक्शन को रोकने वाला पहला टीका है. हालिया परिणाम पिछले साल प्रकाशित शुरूआती परीक्षण के परिणामों को पुख्ता करते हैं.

टीके का परीक्षण

द लैंसेट जनरल में छपे परिणामों के अनुसार, आरवीएसवी-जेडईबीओवी नामक टीके का परीक्षण पिछले साल गिनी में 11,841 लोगों पर किया गया था. टीका लेने वाले 5,837 लोगों में टीकाकरण के 10 दिन या अधिक बाद इबोला का कोई मामला दर्ज नहीं किया गया.वहीं, जिन लोगों को टीका नहीं मिला था, उनमें 23 मामले ऐसे थे जिनमें टीकाकरण के 10 दिन या अधिक के बाद इबोला का इंफेक्शन पाया गया.

परीक्षण का नेतृत्व वर्ल्ड  हेल्थ ऑर्गनाइजेशन ने गिनी के मिनिस्‍ट्री ऑफ हेल्‍थ और अन्य अंतरराष्ट्रीय सहयोगियों के साथ मिलकर किया था.

क्‍या कहे हैं एक्‍सपर्ट

डब्ल्यूएचओ की सहायक महानिदेशक (हैल्थ सिस्टम एंड इनोवेशन) और रिसर्च की प्रमुख लेखिका डॉ मैरी-पॉले कैनी ने कहा कि हालांकि पश्चिमी अफ्रीका की इबोला महामारी के दौरान अपनी जान गंवा चुके लोगों के लिए ये आशाजनक परिणाम बहुत देर से आए हैं. लेकिन ये परिणाम दिखाते हैं कि अगली बार जब भी इबोला की महामारी आएगी, तब हम असहाय नहीं होंगे.