दुनियाभर में एक कॉमन सवाल है, 'प्रेगनेंसी नहीं हो पा रही है या कंसीव नहीं कर पा रहे हैं, इसके क्या कारण हैं?' इस सवाल का जवाब आप चाहे किसी डॉक्टर से पूछें या फिर गूगल पर टाइप करके देख लें, आपको तमाम कारण मिल जाएंगे. कंसीव न कर पाने के केस में, कई लोग अभी मौजूदा दौर में पॉपुलर IVF और सरोगेसी का सहारा लेते हैं. इन दोनों से भी बात न बने, तो फिर कई मां-बाप बच्चे गोद ले लेते हैं. चूंकि, दुनिया इस समय आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के जरिए तमाम समाधान खोजने में लगी है, इसलिए एक कंपनी ने दावा किया है कि जो मां-बाप खुद से बच्चे पैदा नहीं कर पा रहे हैं, वो आर्टिफिशियल यूट्रस (यानी मशीनी कोख) के जरिए अपना सपना पूरा कर सकते हैं. इस तकनीक से जुड़ा एक वीडियो मशहूर बायोटेक्नोलॉजिस्ट और साइंस कम्यूनिकेटर हासिम अल गायली ने अपने फेसबुक पर पोस्ट किया है. इस वीडियो में बताया गया है कि ये तकनीक, कैसे उन दंपतियों के लिए वरदान साबित हो सकती है, जो विभिन्न परेशानियों के चलते बच्चे पैदा नहीं कर पाते हैं.


क्या है ये टेक्नोलॉजी?
वीडियो में इस टेक्नोलॉजी को दुनिया की पहली आर्टिफिशियल वूम/आर्टिफिशियल गर्भाशय की टेक्नोलॉजी बताया गया है. इस वीडियो में विस्तार से ये जानकारी मिलती है कि आर्टिफिशियल यूट्र्ल (कृत्रिम गर्भाशय) के जरिए कैसे बच्चों को जन्म दिया जा सकता है. बच्चों को जन्म देने के लिए शुरुआत में किसी भी दंपति से उससे एंब्रियो लिए जाएंगे और उसके बाद उन्हें लैब में 9 महीने तक पाला जाएगा. लैब में बच्चे को एक ग्रोथ पॉड में रखा जाएगा. एक ग्रोथ पोड में एक ही बच्चे को रख सकते हैं. कंपनी ने 75 जगहों पर अपनी लैब शुरू की है और हर लैब में 400 बच्चों को पाला जा सकता है. ग्रोथ पोड एक कृत्रिम गर्भाशय है, जो वैसा ही होगा जैसा मां की कोख होती है.


ग्रोथ पोड में होगी बच्चे की मॉनिटरिंग
ग्रोथ पोड (कृत्रिम गर्भाशय) में बच्चों की रियल टाइम मॉनिटरिंग का दावा कंपनी ने किया है. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित सिस्टम बच्चे के फिजिकल फीचर को भी रियल टाइम मॉनिटर करेगा. अगर कोई जेनेटिक बीमारी या परेशानी होगी तो वो मशीन के जरिए तुरंत पकड़ में आ सकेगी. हर पोड एक स्क्रीन से जुड़ा होगा, जहां कोई भी दंपति अपने बच्चे की प्रोग्रेस यानी विकास का जायजा रियल टाइम पर ले सकता है. इस स्क्रीन पर बच्चे की हर एक सेकेंड को मॉनिटर किया जा सकता है. इसके अलावा सारा सिस्टम एक ऐप से जुड़ा होगा, अगर मां-बाप ऐप पर बच्चे की प्रोग्रेस देखना चाहें तो देख सकेंगे, जैसे आजकल छोटे बच्चों का स्कूल में एडमिशन कराने के बाद उनकी पढ़ाई का पूरा डेटा ऐप पर आ जाता है.


वीडियो पर नेगेटिव कमेंट की भरमार
एक्टोलाइफ का जो वीडियो फेसबुक पर पोस्ट किया गया है, उसमें यूजर्स तरह-तरह की प्रतिक्रिया दे रहे हैं. कई यूजर्स को यह एक क्रांतिकारी कदम लग रहा है, तो कई यूजर्स का कहना है कि प्रकृति के नियमों के खिलाफ चलना खतरनाक है. वहीं, मोहसिन नाम के एक यूजर ने लिखा है कि धर्म के नाम पर बंटवारे के लिए फिर तैयार रहिए. वहीं, मो. अबू बकर नाम के एक यूजर्स ने लिखा है, ये क्या है-क्या अब बच्चे भी चिकन की तरह पैदा होंगे.


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