(Source: Dainik Bhaskar)
बचपन में हुए शोषण का किशारोवस्था में सामाजिक रिश्तों पर पड़ सकता है असर
जिन बच्चों को जिंदगी की शुरुआत में ही शोषण का सामना करना पड़ता है और जिनकी अनदेखी की जाती है उन्हें किशोरावस्था में सामाजिक रिश्तों और अकादमिक क्षेत्र में दिक्कतों का सामना करने की अधिक आशंका होती है.
वाशिंगटन: जिन बच्चों को जिंदगी की शुरुआत में ही शोषण का सामना करना पड़ता है और जिनकी अनदेखी की जाती है उन्हें किशोरावस्था में सामाजिक रिश्तों और अकादमिक क्षेत्र में दिक्कतों का सामना करने की अधिक आशंका होती है.
क्या कहती हैं रिसर्च- शोधकर्ताओं ने पाया कि पांच साल से कम की आयु में बच्चों से ठीक तरह से व्यवहार न होने का उन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है जिसका असर बाद में करीब तीन दशकों तक भी देखा जा सकता है.
क्या कहते हैं एक्सपर्ट- अमेरिका में यूटा विश्वविद्यालय के सहायक प्रोफेसर ली राबी ने कहा कि यह कोई विवादित बयान नहीं है कि शोषण और दुर्व्यवहार के हानिकारक नतीजे हो सकते हैं. यह रिसर्च दिखाता है कि इनके दुष्प्रभाव लंबे समय तक चलते हैं और समय के साथ ये कम नहीं होते. ये बचपन से लेकर किशोरावस्था और युवावस्था तक रहते हैं.
कैसे की गई रिसर्च- इस रिसर्च में शोधकर्ताओं ने 1970 के मध्य में जन्मे लोगों को शामिल किया. इसमें 32 और 34 वर्ष की आयु के बीच के 267 लोगों पर रिसर्च किया गया. इसमें 0-5 वर्ष और 6-17.5 वर्ष की आयु की अवधि के दौरान लोगों के शारीरिक शोषण, यौन शोषण और अनदेखी के अनुभव जुटाए गए.
ये रिसर्च के दावे पर हैं. ABP न्यूज़ इसकी पुष्टि नहीं करता. आप किसी भी सुझाव पर अमल या इलाज शुरू करने से पहले अपने एक्सपर्ट की सलाह जरूर ले लें.
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