Egg Freezing Facts: आज का युग विज्ञान का युग है. इस युग में आधुनिक तकनीक की मदद से किसी भी समस्या का निदान करना बेहद आसान हो गया है. चाहे समस्या फर्टिलिटी से जुड़ी हुई ही क्यों न हों. उन्हीं में से एक तकनीक का नाम है एग फ्रीजिंग. बॉलीवुड की कई सेलिब्रिटीज हैं जिन्होंने अपने एग फ्रीज करवा लिए हैं. ये एक ऐसा प्रोसेस है, जिसमें महिलाएं गर्भधारण करने वाले अंडों को सुरक्षित रखने के लिए फ्रीज करवाती हैं. इसका चलन इसलिए भी ज्यादा बढ़ा है क्योंकि महिलाएं मां बनने से पहले अपने करियर को प्रायोरिटी देती हैं.
ऐसे में ज्यादा उम्र में पैरंटहुड अपनाना सेहत के लिए नुकसानदायक हो सकता है. लेटेस्ट तकनीक में एक फ्रीजिंग यानि (Oocyte Cryopreservation) की मदद से अपने एग को फ्रिज किया जा सकता है. डॉक्टर्स बताते हैं कि कई महिलाएं अपना बॉयोलॉजिकल साइकल बढ़ाने के लिए 20 से 30 साल के बीच एग फ्रीज करवा लेती हैं. तो चलिए जानते हैं आखिर एग फ्रीजिंग क्या है और क्या है क्लीनिकल और सोशल एग फ्रीजिंग में डिफ़रेंस.
क्लिनिकल एग फ्रीजिंग क्या है?
डॉक्टर्स के मुताबिक, अंडों का क्रायोप्रिजर्वेशन - जिसे वैज्ञानिक रूप से ओओसीट फ्रीजिंग (Oocyte Freezing) कहा जाता है. ये फर्टिलिटी को संरक्षित करने का एक तरीका है, जिसमें अंडाशय (Ovaries) से निकाले जाने के बाद अंडे जमे हुए होते हैं. अंडे को फ्रीज करने से प्रजनन या गर्भावस्था के विकल्प बढ़ जाते हैं. बड़ी संख्या में ऐसे लोग हैं जो एग फ्रीजिंग से गुजरते हैं. इस प्रोसेस को इंडिविजुअल्स की मेडिकल और हेल्थ कंडीशन के हिसाब से चुना जाता है. "डॉक्टर्स कहते हैं कि जमे हुए अंडे प्रोसेस के बाद 10 साल तक उपयोग के लिए अच्छे होते हैं.
यह कब किया जाता है?
हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक -
1. अगर किसी को कैंसर का पता चले और उन्हें इलाज कराना है. कुछ कैंसर उपचार, जिनमें कीमोथेरेपी या रेडियोथेरेपी शामिल हैं, प्रजनन क्षमता को प्रभावित कर सकते हैं. ऐसे मे उपचार से पहले की गई एग फ्रीजिंग प्रोसेस बाद में बच्चा पैदा करने में मदद करती हैं.
2. अगर आप किसी और गंभीर बीमारी से ग्रस्त हैं तब भी आप अपने अंडों को बचाने के लिए एग फ्रीजिंग का सहारा ले सकती हैं.
3. अगर आपको अपने करियर की चिंता है और इस बात का डर भी है कि भविष्य में प्रेगनेंसी दिक्कत ना करें तो भी आप एग फ्रीज करा सकती हैं.
सोशल एग फ्रीजिंग क्या है और यह कैसे अलग है?
सोशल एग फ्रीजिंग किसी महिला का अपनी फर्टिलिटी या अंडो को मेडिकल कंडीशन के कारण नहीं, बल्कि सोशल कारणों से जैसे करियर या सही पार्टनर की तलाश के कारण फ्रीज करने का प्रोसेस है. डॉक्टर्स कहते हैं कि अंडो को बाद में रिट्रिव किया जा सकता है और प्रेंगनेंसी के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है जिससे महिला अपने हिसाब से प्रेंगनेंट हो सकें. क्योंकि उम्र हेल्दी बच्चे के लिए एक इंपोर्टेंट एलिमेंट है इसलिए सोशल फ्रीजिंग करवाने से पहले अगर आप आईवीएफ क्लिनिक में जाकर खुद का एक बार फुल बॉडी चेकअप करवा लें और डॉक्टर से जान लें की क्या आप फ्रीजिंग के लिए तैयार हैं , तो ज्यादा बेहतर होगा. जांच मे सिंपल ब्लड टेस्ट, अल्ट्रासाउंड स्कैन और डॉक्टर की एडवाइज शामिल होती है.
फर्टिलिटी को लेकर मिथ
फर्टिलिटी को लेकर कई मिथ है. कई मानते हैं कि जमा किए हुए अंडो से पैदा होने वाले बच्चें अस्वस्थ पैदा होते हैं लेकिन यह बिलकुल भी सच नहीं है. अंडो को फ्रीज करने के लिए किसी पार्टनर की जरूरत नहीं होती है. लेकिन एक फैक्ट यह भी है कि उम्र के साथ अंडो की क्वालिटी और क्वांटिटी दोनों घटती है. इसलिए महिलाएं ये न समझें कि सोशल एग फ्रीजिंग की सफलता दर किसी भी उम्र में समान होगी.
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