मौत के बाद भी 4 जिंदगियों के लिए फरिश्ता बनी 11 वर्षीय लड़की
अपनों के लिए तो अंग दान करने की कहानी अक्सर ही सुनी होगी, लेकिन ये कहानी एक ऐसी लड़की की है, जो खुद मरकर भी 4 लोगों में जिंदा है.
मुंबई: अपनों के लिए तो अंग दान करने की कहानी अक्सर ही सुनी होगी, लेकिन ये कहानी एक ऐसी लड़की की है, जो खुद मरकर भी 4 लोगों में जिंदा है.
आपको बता दें, कि 2 दिन पहले ही नासिक में एक 11 साल की लड़की फुटबॉल खेलते समय अचानक बेहोश हो गई. उस लड़की को डॉ. वसंतराव पवार मेडिकल कॉलेज अस्पताल और अनुसंधान केंद्र में लाया गया जहां डॉक्टरों ने ब्रेन डेड घोषित कर दिया. इसके बाद बच्ची के पिता ने उसके अंग दान करने का फैसला किया. बुधवार को बच्ची की बॉडी ऋषिकेश अस्पताल लायी गई, जहां उसके अंग निकालकर अलग-अलग अस्पतालों में भेजे गए.
मुंबई में जुलाई से हार्ट-ट्रांसप्लांट का इंतजार कर रहे 7 साल के बच्चे तक उस बच्ची का 'हार्ट' पहुंच गया, जिससे उसकी जान बच गई. लीवर को पुणे के केईएम अस्पताल में भेजा गया, जिससे एक 23 साल की महिला की जान बच गई.
एक किडनी नासिक के हॉस्पिटल में भेजी गई. दूसरी किडनी को शोलापुर के अश्विनी सहकारी हॉस्पिटल भेजा गया.
वाकई बेटी के मौत का दुख भुलाकर बहादुरी के साथ अपनी बेटी के अंग दान करने का फैसला डोनर के परिवार का साहसिक कदम है.
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