न्यूयॉर्क: नियमित रूप से दांतों की सफाई से एक कैंसर जैसे बड़े खतरे से बचा जा सकता है. दरअसल एक रिसर्च में पता चला है कि मसूढ़े की बीमारी के बैक्टीरिया आहारनाल में कैंसर का खतरा बढ़ा सकते हैं.
किस पर हुई रिसर्च-
कैंसर रिसर्च नामक पत्रिका में प्रकाशित इस रिसर्च में मुंह में पाए जाने वाले माइक्रोबायोटा और आहारनाल कैंसर के खतरों के बीच संबंधों की जांच-परख की गई.
क्या कहते हैं एक्सपर्ट-
न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी के मेडिसिन विभाग में एसोसिएट प्रोफेसर जियांग अह्न् ने बताया कि आहारनाल का कैंसर आठवां सबसे सामान्य तौर पर होने वाला कैंसर है और दुनियाभर में सबसे ज्यादा कैंसर से होने वाली मौत के मामले में इसका छठा स्थान है. दरअसल, रोग का पता तब तक नहीं चल पाता है, जब तक ये खतरनाक स्टेज में न पहुंच जाए. आहारनाल का कैंसर होने के बाद पांच साल जीने की दर दुनियाभर में 15 से 25% है.
आहारनाल कैंसर-
प्रोफेसर का कहना है कि आहारनाल का कैंसर बहुत ही घातक कैंसर है. इसलिए इसकी रोकथाम, खतरों का स्तरीकरण और शुरुआत में पता चलने को लेकर नए मार्ग तलाशने की सख्त जरूरत है.
आहारनाल में आमतौर पर जो कैंसर पाए जाते हैं, उनमें एसोफेजियल एडनोकारसिनोमा (ईएसी) और एसोफेजियल स्क्वेमस सेल कारसिनोमा (ईएसीसी) हैं.
शोधकर्ताओं ने रिसर्च में पाया कि टैनेरिला फोर्सिथिया नामक बैक्टीरिया 21% ईएसी कैंसर के खतरे बढ़ाने में जिम्मेदार थे. वहीं, ईएससीसी के खतरों के लिए पोरफाइरोमोनस जिंजिवलिस बैक्टीरिया उत्तरदायी थे. ये दोनों प्रकार के बैक्टीरिया आमतौर पर मसूढ़ों की बीमारियों में पाए जाते हैं.
नोट: ये रिसर्च के दावे पर हैं. ABP न्यूज़ इसकी पुष्टि नहीं करता. आप किसी भी सुझाव पर अमल या इलाज शुरू करने से पहले अपने एक्सपर्ट की सलाह जरूर ले लें.