महिलाओं को कुछ विटामिन पुरुषों की तुलना में ज्यादा जरूरी होते हैं क्योंकि उनके शरीर की जरूरतें अलग होती हैं. मासिक धर्म, गर्भावस्था और मेनोपॉज के दौरान महिलाओं को कुछ खास विटामिन्स की अधिक आवश्यकता होती है. इन विटामिन्स की सही मात्रा लेने से महिलाओं का हेल्थ बेहतर रहता है, हड्डियां मजबूत होती हैं और ऊर्जा का स्तर बढ़ता है. आइए जानें कौन-कौन से विटामिन महिलाओं के लिए अधिक जरूरी हैं और उनकी कमी से क्या असर पड़ता है.


आयरन (लोहा)
महिलाओं को मासिक धर्म के दौरान खून की कमी से बचने के लिए आयरन की अधिक आवश्यकता होती है. आयरन की कमी से एनीमिया (खून की कमी) हो सकता है, जिससे थकान, कमजोरी और चक्कर आने जैसी समस्याएं हो सकती हैं. सही मात्रा में आयरन लेने से शरीर में खून की मात्रा सही बनी रहती है और ऊर्जा का स्तर भी ठीक रहता है. आयरन के अच्छे स्रोतों में हरी पत्तेदार सब्जियां, लाल मांस, दालें और नट्स शामिल हैं. इन फूड्स को रोजाना रूप से खाने से आयरन की कमी पूरी की जा सकती है. 


कैल्शियम
महिलाओं के लिए कैल्शियम बहुत महत्वपूर्ण है, खासकर प्रेग्नेंसी और मेनोपॉज के दौरान. यह हड्डियों की मजबूती बनाए रखने में मदद करता है और ऑस्टियोपोरोसिस जैसी बीमारियों से बचाव करता है. प्रेग्नेंसी में कैल्शियम गर्भस्थ शिशु की हड्डियों के विकास के लिए भी जरूरी है. मेनोपॉज के दौरान हार्मोनल बदलाव से हड्डियां कमजोर होती हैं, जिसे कैल्शियम सही मात्रा में लेने से रोका जा सकता है. कैल्शियम के अच्छे स्रोतों में दूध, दही, पनीर और हरी पत्तेदार सब्जियां शामिल हैं.  इन  फूड्स  का सेवन करके कैल्शियम की कमी को दूर किया जा सकता है. 

फोलिक एसिड
महिलाओं के लिए फोलिक एसिड अधिक आवश्यक है. यह भ्रूण के सही विकास के लिए महत्वपूर्ण है और जन्म दोषों से बचाव करता है. फोलिक एसिड की कमी से गर्भ में शिशु के मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी में समस्याएं हो सकती हैं. इसलिए, गर्भावस्था के दौरान फोलिक एसिड का सेवन बढ़ाना चाहिए. फोलिक एसिड के अच्छे स्रोतों में हरी पत्तेदार सब्जियां, फल, नट्स और दालें शामिल हैं. इन खाद्य पदार्थों को नियमित रूप से खाने से फोलिक एसिड की कमी को दूर किया जा सकता है. 

विटामिन डी
विटामिन डी हड्डियों को मजबूत बनाने और कैल्शियम के अवशोषण में मदद करता है, खासकर मेनोपॉज के बाद. मेनोपॉज के दौरान हार्मोनल बदलाव के कारण हड्डियां कमजोर हो सकती हैं, जिससे ऑस्टियोपोरोसिस का खतरा बढ़ जाता है. विटामिन डी की कमी से हड्डियां कमजोर और भंगुर हो सकती हैं. विटामिन डी के अच्छे स्रोतों में धूप, मछली का तेल, और दूध शामिल हैं. 


विटामिन बी12
विटामिन बी12 नर्वस सिस्टम के सही संचालन और लाल रक्त कोशिकाओं के निर्माण के लिए महत्वपूर्ण है. इसकी कमी से थकान, कमजोरी और एनीमिया जैसी समस्याएं हो सकती हैं. महिलाओं को खासकर गर्भावस्था और मेनोपॉज के दौरान इसकी अधिक आवश्यकता होती है. विटामिन बी12 के अच्छे स्रोतों में मांस, मछली, अंडे और डेयरी उत्पाद शामिल हैं. 


Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.


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