कम वायु प्रदूषण भी अस्थमा के खतरे को बढ़ा सकता है
एक नई रिसर्च में आगाह किया गया है कि प्रदूषण का स्तर कम होने के बावजूद अस्थमा का खतरा बढ़ सकता है.
मेलबर्न: वायु प्रदूषण के कारण वयस्कों में अस्थमा का खतरा बढ़ जाता है, लेकिन एक नई रिसर्च में आगाह किया गया है कि प्रदूषण का स्तर कम होने के बावजूद इसका खतरा बढ़ सकता है.
क्या कहती है रिसर्च- शोधकर्ताओं ने ऑस्ट्रेलिया के एक प्रमुख मार्ग से 200 मीटर के क्षेत्र के भीतर रहने वाले 45 से 50 साल आयुवर्ग के निवासियों में अस्थमा का खतरा 50 प्रतिशत अधिक पाया है. रिसर्च के मुताबिक, इस प्रमुख सड़क से 200 मीटर से अधिक की दूरी पर रहने वाले लोगों की अपेक्षा इसके भीतर रहने वाले लोगों में इसका खतरा 50 प्रतिशत अधिक है.
उन्होंने कहा कि प्रति वर्ष प्रति अरब आबादी पर नाइट्रोजन डाइऑक्साइड (NO2) की मात्रा ऑस्ट्रेलिया में अपेक्षाकृत कम होने के कारण इन स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं में वृद्धि हुई है.
किन पर की गई रिसर्च- तस्मैनियन लॉन्गिट्यूडिनल हेल्थ स्टडी की तरफ से कराए इस सर्वे में करीब 700 लोगों ने भाग लिया था, जिनकी उम्र 45 और 50 वर्ष थी.
क्या कहते हैं एक्सपर्ट- यूनिवर्सिटी ऑफ मेलबर्न के गयान बोवाट्टे के मुताबिक दक्षिण पूर्व एशियाई देशों की तुलना में ऑस्ट्रेलिया में प्रदूषण का स्तर अपेक्षाकृत कम है.
‘यूरोपीय रेसपिरेटरी’ पत्रिका में प्रकाशित इस रिसर्च के मुख्य लेखक बोवाट्टे ने कहा कि हालांकि रिसर्च में पाया गया कि ये चीजें वयस्कों में अस्थमा के बढ़ते खतरे और फेफड़ों के खराब फ़ंक्शन से जुड़ी हुई है.शोधकर्ताओं का कहना है कि सरकार को इन सड़कों पर उत्सर्जन को कम करने के तरीकों पर काम करना होगा.
नोट: ये रिसर्च के दावे पर हैं. ABP न्यूज़ इसकी पुष्टि नहीं करता. आप किसी भी सुझाव पर अमल या इलाज शुरू करने से पहले अपने एक्सपर्ट की सलाह जरूर ले लें.
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