Side Effect Of Room Heater:पूरे उत्तर भारत में सर्दी का सितम जारी है. ब्लैंकेट ,रजाई ऊनी कपड़े सब कुछ है पर सर्दी है कि रुकने का नाम ही नहीं ले रही है.ऐसे में कई लोग अलाव के सहारे हैं तो वहीं कई लोग रूम हीटर इस्तेमाल कर रहे हैं. लोगों को काफी आराम भी मिल रहा है क्योंकि इस कड़ाके की ठंडी में रूम का टेंपरेचर रूम हीटर से बिल्कुल सामान्य हो जाता है, लेकिन क्या आप जानते हैं जिस  रूम हीटर का इस्तेमाल आप गर्मी पाने के लिए कर रहे हैं वह आप के जिंदगी को खतरे में डाल सकता है, इस आर्टिकल में जानेंगे कैसे.


त्वचा के लिए हानीकारक-सर्दियों के मौसम में वैसे ही हमारी बॉडी हाइड्रेट नहीं रहती है. पानी कम पीते हैं इस वजह से बॉडी में पानी की कमी होती है.प्राकृतिक नमी भी खो जाती है .ऐसे में लंबे वक्त तक रूम में हीटर चलाकर रखना और रातभर हीटर जलाकर सोना आपके चेहरे के लिए हानिकारक हो सकता है, क्योंकि रूम हीटर की मौजूदगी हवा की नमी पूरी तरह से छीन लेती है जिस वजह से आपकी त्वचा रूखी बेजान, शुष्क हो जाती है. अगर आपकी त्वचा बहुत ज्यादा सेंसिटिव है तो त्वचा पर लाल धब्बे, खुजली होने की संभावना बढ़ जाती है.


इम्यूनिटी पर असर- सर्दियों में जब आप कमरे में रूम हीटर जलाते हैं तो रूम का टेंपरेचर और रूम के बाहर का टेंपरेचर अलग-अलग होता है. ऐसे में जब आप कमरे से बाहर जाते हैं तो अचानक से तापमान में परिवर्तन आता है. आप ठंड महसूस करते हैं. यह आपके शरीर के लिए बहुत खतरनाक हो सकता है. ऐसे में आपके इम्यून सिस्टम पर बुरा असर पड़ता है. और आप बीमार पड़ सकते हैं, आपको ठंड का अटैक लग सकता है.


ब्रेन हेमरेज की संभावना-कई लोग गैस हिटर का इस्तेमाल करते हैं. यह स्लीप डेथ की संभावना को बढ़ाता है. क्योंकि यह कार्बन मोनोऑक्साइड रिलीज करता है.ऐसे में कमरे में मौजूद कार्बन मोनो ऑक्साइड की मात्रा ब्रेन में ब्लड की सप्लाई को रोक सकती है, जिस वजह से ब्रेन हेमरेज और अचानक मृत्यु होने की संभावना बन जाती है.


अस्थमा के मरीजों को खतरा-अस्थमा के मरीजों को खास करके रूम हीटर नहीं जलाना चाहिए. इससे निकलने वाली मोनोकार्बन डाइऑक्साइड सांस की नली के जरिए शरीर में पहुंचकर अस्थमा के मरीज के लिए खतरनाक स्थिति पैदा कर सकती है, जिससे जान जाने का भी जोखिम बना रहता है.


आंखों को नुकसान-रूम हीटर जलाने से ना सिर्फ आपके चेहरे, बालों बल्कि आंखों पर भी बुरा प्रभाव पड़ता है.ये आंखों की नमी छीन लेती है. ऐसे में आंखों में ड्राइनेस की समस्या हो जाती है. इसमें खुजली होती है और फिर इरिटेशन और संक्रमण होने का खतरा बढ़ जाता है.