नई दिल्लीः कोरोना वायरस सी फूड से जुड़ा है. ये वायरस आमतौर पर जानवरों में पाया जाता है. ये वायरस 15 से 30 प्रतिशत आम सर्दी के लिए जिम्मेदार हैं. इस वायरस से पीड़ित होने पर सांस की बीमारी होती है. कोरोना वायरस सामान्य सर्दी, निमोनिया और गंभीर तीव्र श्वसन सिंड्रोम (SARS) से जुड़े हैं और आंत को भी प्रभावित कर सकते हैं.

ह्यूमन कोरोना वायरस (HCoV) की पहचान पहली बार 1960 के दशक में आम सर्दी के रोगियों में नाक में हुई थी. मनुष्यों के बीच कोरोना वायरस संक्रमण अक्सर सर्दियों के महीनों के साथ-साथ शुरुआती वसंत के दौरान होता है. कोरोना वायरस के कारण होने वाली सर्दी से बीमार व्यक्ति को लगभग चार महीने बाद ये दोबारा हो सकता है. ऐसा इसलिए क्योंकि कोरोना वायरस एंटीबॉडी बहुत लंबे समय तक नहीं रहते हैं.

कोरोना वायरस के सामान्य प्रकारों में शामिल हैं:

  • 229E (अल्फा कोरोनावायरस)
  • NL63 (अल्फा कोरोनावायरस)
  • OC43 (बीटा कोरोनावायरस)
  • HKU1 (बीटा कोरोनावायरस)
  • दुर्लभ, अधिक खतरनाक प्रकारों में MERS-CoV शामिल हैं, जो मध्य पूर्व श्वसन सिंड्रोम (MERS) और गंभीर तीव्र श्वसन सिंड्रोम (SARS-CoV) का कारण बनता है, जो SARS के लिए जिम्मेदार कोरोना वायरस हैं.

कोरोना वायरस के लक्षण-

  • छींक आना
  • एक बहती नाक
  • थकान
  • खांसी
  • दुर्लभ मामलों में बुखार
  • गले में खराश
  • तेज अस्थमा

रोकथाम के उपाय -

  • डॉक्टर पीड़ित लोगों से दूर रहने की सलाह देते हैं.
  • भीड़ में जाने पर हाथ-मुंह धोना चाहिए बुखार और खांसी होने पर तुरंत डॉक्टर के पास जाना चाहिए.
  • सी फूड खाने से बचना चाहिए.
  • कोरोनावायरस से बचने के लिए अभी कोई वैक्सीन नहीं बनी है, लिहाजा बचाव ही बेहतर उपाय है.

कोरोना वायरस निम्नलिखित तरीकों से फैल सकता है -

  • मुंह को ढके बिना खांसना और छींकना वायरस फैलाने वाली बूंदों को हवा में फैला सकता है.
  • जिस व्यक्ति को वायरस है, उससे हाथ मिलाना या हिलाना एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में वायरस को पारित कर सकता है.
  • एक सतह या वस्तु से संपर्क बनाना जिसमें वायरस है और फिर आपकी नाक, आंख या मुंह को छूना.
  • दुर्लभ अवसरों पर कोरेना वायरस मल के संपर्क में फैल सकता है.

कोरोना वायरस से जुड़े अहम तथ्य-

  • कोरोना वायरस सार्स और मर्स दोनों का कारण बनता है.
  • कोरोना वायरस कई अलग-अलग प्रजातियों को संक्रमित करता है.
  • कोरोना वायरस सार्स चीन से 37 देशों में संक्रमण का कारण बना, जिससे 774 लोग मारे गए.

ये खबर रिसर्च के दावे पर हैं. ABP न्यूज़ इसकी पुष्टि नहीं करता. आप किसी भी सुझाव पर अमल या इलाज शुरू करने से पहले अपने एक्सपर्ट की सलाह जरूर ले लें.