Pregnancy Health Report: प्रेग्नेंसी के पीरियड में केवल मां को अपने ही नहीं अपने पेट में पल रहे बच्चे की सेहत को लेकर भी सजग रहने की सलाह दी जाती है. इस अवस्था में मां को ऐसी डाइट की सलाह दी जाती है, जिससे उसकी सेहत सही और उसके बच्चे का भी पूर्ण विकास हो सके. हाल ही में आई एक रिसर्च में कहा गया है कि प्रेग्नेंसी में फ्लोराइड का सेवन करने से मां के पेट में पल रहे भ्रूण की सेहत पर काफी बुरा असर पड़ता है. चलिए जानते हैं कि इस रिसर्च में क्या कहा गया है.


अमेरिका में की गई स्टडी में कही गई है ये बात 


अमेरिका में यूएससी के कीक स्कूल ऑफ मेडिसिन की एक स्टडी में कहा गया है कि प्रेग्नेंसी के दौरान ज्यादा फ्लोराइड के सेवन से बच्चे के जन्म के बाद तीन साल की अवस्था तक न्यूरो बिहेवियर इशूज के रिस्क हो सकते हैं. यानी डिलीवरी के बाद बच्चे के दिमाग पर इसका असर पड़ सकता है.


रिसर्च में कहा गया है कि प्रेग्नेंसी के दौरान मां द्वारा ज्यादा फ्लोराइड के इनटेक से बच्चे का आईक्यू लेवल भी कमजोर हो सकता है. आपको बता दें कि अमेरिका में 75 फीसदी जनता फ्लोराइड युक्त पानी पीती है और इसका असर पेट में पल रहे भ्रूण और बच्चे के पैदा होने के बाद तक रहता है. भारत में भी कई प्रांतों में लोग नल का फ्लोराइड युक्त पानी पीते आए हैं. 


बच्चों का आईक्यू लेवल होता है कमजोर  


जामा नेटवर्क ओपन में पब्लिश होने वाली ये स्टडी कहती है कि पेट में पलने वाला भ्रूण मां द्वारा ली जा रही डाइट और पानी के साथ वातावरण में मौजूद सभी तरह के हानिकारक तत्वों के प्रति ज्यादा संवेदनशील होता है. ऐसे में टूथपेस्ट और पानी के जरिए अगर मां के शरीर में ज्यादा फ्लोराइड जाता है तो उसका असर भ्रूण पर होता है.


इस रिसर्च को सपोर्ट करने के लिए बाकायदा अध्ययन हुआ और इसमें पाया गया कि जिन महिलाओं ने प्रेग्नेंसी के दौरान फ्लोराइड का ज्यादा सेवन किया था उनके तीन साल तक के बच्चों का आईक्यू स्कोर उन बच्चों से कम निकला जिनकी मां ने प्रेग्नेंसी के दौरान कम फ्लोराइड का सेवन किया था.


Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें. 


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