भारत में कोरोना के मामले दिन प्रतिदिन बढ़ते जा रहे हैं. देश में हर दिन कोरोना के रिकॉर्ड मामले दर्ज किए जा रहे हैं. लोगों को संक्रमित होने से बचाने के लिए देशभर में बड़े स्तर कोरोना टीकाकरण भी चलाया जा रहा है. वहीं, आज से 18 से 44 साल तक के लोगों को भी कोरोना वैक्सीन दी जाएगी. ऐसा देखा गया है कि कोरोना वैक्सीन का पहला डोज लेने के बाद भी लोग संक्रमित हो रहे हैं. कुछ लोग वैक्सीन का दूसरा डोज नहीं लगवाना चाहते लेकिन हेल्थ एक्सपर्ट्स इसे गलत मानते हैं. SGPGI के माइक्रोबायोलॉजी विभाग के प्रमुख प्रो. उज्जवला घोषाल के अनुसार, यदि किसी व्यक्ति ने कोरोना वैक्सीन का पहला डोज ले लिया है तो उसे दूसरा डोज भी लेना चाहिए. हालांकि, जबतक उसकी टेस्ट रिपोर्ट नेगेटिव नहीं आती तब तक उसे वैक्सीन का दूसरा डोज नहीं लेना चाहिए.


भारत में अभी कोविशिल्ड और कोवैक्सीन का इस्तेमाल किया जा रहा है. एक्सपर्ट्स का मानना है कि यदि किसी व्यक्ति ने पहली वैक्सीन कोविशिल्ड की ली है तो उसे दूसरी बार भी उसी वैक्सीन का डोज लेना चाहिए. एक्सपर्ट्स के मुताबिक, कोरोना संक्रमण से लड़ने के लिए यह दोनों वैक्सीन कारगर है. हालांकि, ऐसा ऐसा जरूरी नहीं है कि वैक्सीन लेने के बाद कोरोना संक्रमण नहीं होगा.


डब्लूएचओ ने दिया ये सुझाव 


विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) के अनुसार, यदि कोई व्यक्ति वैक्सीन का पहला डोज लेने के बाद संक्रमित हो जाता है तो उसे संक्रमण मुक्त होने तक इंतजार करना चाहिए और फिर वैक्सीन का दूसरा डोज लेना चाहिए. डब्लूएचओ ने कहा है कि कोरोना वैक्सीन का दूसरा डोज ना लेने से संक्रमित होने का खतरा बना रहता है और शरीर में पूरी तरह से एंटी बॉडी डेवलप नहीं कर पाता है. बता दें कि कोरोना वैक्सीन के दोनों डोज के बीच 8 से 10 सप्ताह का समय रहता है.  


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