प्रेग्नेंसी के आखिरी महीनों में घी खाने से क्या लेबर पेन में मिलती है मदद, जानिए इस बात में कितनी है सच्चाई
पेट में जब बच्चा पल रहा होता है तो उसकी मां ही उसके खाने का सोर्स होती हैं. जो भी मां खाती हैं वह सीधा बच्चे को लगता है. तो क्या ऐसे में घी खाना सही है?
किसी भी औरत की प्रेग्नेंसी एक लंबा सफर होता है. इस दौरान अच्छा खाना,दवा, एक्सरसाइज, अच्छी किताबें, आसपास का अच्छा वातावरण काफी महत्वपूर्ण होता है. डॉक्टर से लेकर डाटिशियन तक प्रेग्नेंसी के दौरान खूब फल, सब्जियां, लीन प्रोटीन और हेल्दी फैट खाने की सलाह देते हैं. ऐसा इसलिए कहा जाता है क्योंकि प्रेग्नेंसी के दौरान महिला जो कुछ भी खाती है वह उसके और बच्चे के हेल्थ को काफी ज्यादा प्रभावित करता है. पेट में जब बच्चा पल रहा होता है तो उसकी मां ही उसके खाने का सोर्स होती हैं. जो भी मां खाती हैं वह सीधा बच्चे को लगता है. इसलिए कई महिलाएं अपने प्रेग्नेंसी के दौरान खाने में खूब घी खाती हैं. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि घी हेल्दी फैट का बेस्ट सोर्स है. ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यह उठता है कि क्या प्रेग्नेंसी के दौरान घी खाना सही है?
घी हेल्दी फैट का बेस्ट सोर्स होता है
प्रसूति-स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ राम्या काबिलन के मुताबिक,'घी भारतीय खाना पकाने में उपयोग की जाने वाली मुख्य सामग्रियों में से एक है. जब कोई महिला गर्भवती होती है तो अक्सर घर के बड़े-बुजुर्गों द्वारा उसे घी खाने की सलाह देते हैं. गर्भावस्था के दौरान घी खाना महिला के पूरे हेल्थ के लिए काफी ज्यादा फायदेमंद होता है. यह पाचन में भी काफी ज्यादा मदद करता है.आपकी जानकारी के लिए बता दें कि घी बच्चे और मां दोनों का पोषण करता है और यह हेल्दी फैट का बेस्ट सोर्स है.
प्रेग्नेंट महिला अगर घी खाती है तो चिकनाई से बच्चा आसानी से बाहर आ जाता है?
प्रसूति-स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ राम्या काबिलन ने अपने इंस्टाग्राम पोस्ट में प्रेग्नेंट महिला को घी क्यों खाना चाहिए. इसे समझाया है. उन्होंने कहा,'जब आप गर्भवती हों तो हर दिन एक चम्मच घी जरूर खाएं. लेकिन अक्सर यह सिखाया जाता है कि गर्भावस्था के आखिरी महीनों में घी खाने से वजाइना में चिकनाई आ जाती है और यह लेबर पेन के दौरान बच्चे को आसानी से बाहर निकलने में मदद करता है. वैसे यह सत्य नहीं है. जबकि यह विश्वास लंबे समय से है, इस बात का कोई प्रमाण नहीं है कि यह इस तरह से काम करता है.
घी बच्चे के दिमाग और नर्वस सिस्टम के लिए होता है अच्छा
गुरुग्राम के पारस हेल्थ की मुख्य आहार विशेषज्ञ नेहा पठानिया ने बताया कि सदियों से पारंपरिक आयुर्वेदिक दवाओं में घी का उपयोग किया जाता रहा है और माना जाता है कि यह गर्भवती महिलाओं के लिए विभिन्न स्वास्थ्य लाभ प्रदान करता है. घी के कई पौष्टिक लाभ है. घी में विटामिन ए, डी, ई और के जैसे आवश्यक विटामिन होते हैं, जो गर्भावस्था सहित बच्चे और मां के हेल्थ के लिए काफी ज्यादा अच्छा होता है.
हेल्दी फैट
घी हेल्दी फैट का एक अच्छा स्रोत है, जिसमें फैटी एसिड (MCFAs) शामिल हैं, जो आसानी से पच जाता है. ऊर्जा का आसानी से उपलब्ध स्रोत प्रदान करते हैं. ये हेल्दी फैट गर्भवती महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान पूरे टाइम एनर्जेटिक रखने में मदद करता है.बच्चे के दिमाग और नर्वस सिस्टम का सही से विकास करने में मदद करता है.
हार्मोनल बैलेंस
माना जाता है कि घी शरीर में हार्मोन को बैलेंस करने में मदद करता है, जो गर्भावस्था के दौरान फायदेमंद हो सकता है जब हार्मोनल उतार-चढ़ाव नॉर्मल होते हैं. ऐसा माना जाता है कि यह हेल्दी हार्मोन शरीर में बढ़ाता है साथ ही एंडोक्राइन सिस्टम को करने में मदद करता है, जो गर्भावस्था और प्रसव में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है.
पाचन स्वास्थ्य
आयुर्वेदिक चिकित्सा में घी अपने पाचन गुणों के लिए जाना जाता है. ऐसा माना जाता है कि यह पाचन अग्नि (अग्नि) को उत्तेजित करने और स्वस्थ पाचन को बढ़ावा देने में मदद करता है, जो गर्भवती महिलाओं के लिए फायदेमंद हो सकता है जो गर्भावस्था के दौरान पाचन संबंधी परेशानी या कब्ज का अनुभव कर सकती हैं.
हेल्दी स्किन
त्वचा की देखभाल के लिए आयुर्वेदिक प्रथाओं में अक्सर घी का उपयोग शीर्ष रूप से किया जाता है. गर्भवती महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान अपनी त्वचा में परिवर्तन का अनुभव हो सकता है और घी का उपयोग मॉइस्चराइजर के रूप में या घरेलू त्वचा देखभाल में, उपचार त्वचा को पोषण देने और सूखापन या खुजली कम करने में मदद कर सकते हैं.
Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.
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