अनहेल्दी लाइफस्टाइल और बेकार खानपान की वजह से गंभीर बीमारियों का कहर बढ़ता ही जा रहा है. कैंसर के मरीज बढ़ रहे हैं. हाई ब्लड प्रेशर के रोगियों की संख्या बढ़ रही है. डायबिटीज की बीमारी भी पांव पसारती जा रही है. पहले ज्यादा उम्र के लोगों को यह बीमारियां घेरा करती थीं. हालांकि आजकल युवाओं और बच्चों में भी इन बीमारियों का तेजी से विस्तार हो रहा है. एक रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2050 तक दुनिया की लगभग एक अरब आबादी (100 करोड़) डायबिटीज की चपेट में आ सकती है. 


'मिरर' की रिपोर्ट के मुताबिक, शिक्षाविदों का कहना है कि दुनिया के हर देश और हर उम्र के लोगों में इस बीमारी का कहर बढ़ेगा. मतलब 2050 तक डायबिटीज से पीड़ित लोगों में न सिर्फ बुजुर्ग शामिल होंगे, बल्कि इनके साथ-साथ अधेड़ उम्र के लोग, युवा और बच्चे भी शामिल होंगे. डायबिटीज को लेकर यह भविष्यवाणी एक रिसर्च में की गई है. द लैंसेट डायबिटीज एंड एंडोक्रिनोलॉजी जर्नल में पब्लिश इस रिसर्च में कहा गया है कि साल 2050 तक पूरी दुनिया में ये बीमारी अपने पांव पसार लेगी. आठ में से 1 व्यक्ति इस रोग से पीड़ित होगा.


आक्रामक रूप से बढ़ेगी ये बीमारी!


एक अरब का यह आंकड़ा 2021 के लगभग 53 करोड़ मामलों का दोगुना है. न्यूयॉर्क स्थित अल्बर्ट आइंस्टीन कॉलेज ऑफ मेडिसिन की एक डॉक्टर शिवानी अग्रवाल ने बताया कि डायबिटीज इस समय सबसे बड़े स्वास्थ्य खतरों में से एक है. आगामी 3 दशकों में हर देश, हर लिंग और हर उम्र के लोगों में यह बीमारी आक्रामक रूप से बढ़ने वाली है. 


भारत में 10.1 करोड़ से ज्यादा मरीज


डायबिटीज के बढ़ने का एक कारण अनहेल्दी खानपान है. आजकल लोगों ने अनहेल्दी चीजों को ज्यादा खाना शुरू कर दिया है. यही वजह है कि इस बीमारी के तेजी से बढ़ने की संभावनाएं पैदा होने लगी हैं. द लैंसेट की एक स्टडी के मुताबिक, भारत में वर्तमान में 10.1 करोड़ से अधिक लोगों को डायबिटीज है. पिछले चार सालों में इस बीमारी के मरीजों में तेजी से उछाल देखा गया है.


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