इन आई बैकों पर लगने वाला है ताला! लाइसेंस बचाने के लिए करना होगा ये काम
भारत के आई बैंकों के लिए एक अलर्ट जारी किया गया है. जिसमें कहा गया है कि जो आई बैंक एक साल में कम से कम 100 कॉर्निया जमा नहीं कर पाएंगे उनका लाइसेंस रद्द कर दिया जाएगा.
भारत के आई बैंकों के लिए एक अलर्ट जारी किया गया है. जिसमें कहा गया है कि जो आई बैंक एक साल में कम से कम 100 कॉर्निया जमा नहीं कर पाएंगे उनका लाइसेंस रद्द कर दी जाएगी. 'नेशनल ऑर्गन और टिश्यूज ट्रांसप्लांट ऑर्गेनाइजेशन' (NOTTO) राज्य अधिकारियों को सलाह दी है कि वह हर आई बैंक की डेटा और उनके परफॉर्मेंस का एक लेखा-जोखा तैयार करें. ताकि इसी आधार पर उनकी लाइसेंस बढ़ाई जाएगी या रद्द की जाएगी. आई बैंक ट्रांसप्लांट के लिए कॉर्नियल टिश्यूज एकत्र करने, प्रसंस्करण करने, संरक्षित करने और वितरित करने के लिए जिम्मेदार हैं.
उन्हें केराटोप्लास्टी केंद्र तक ऊतक के सुरक्षित परिवहन को भी सुनिश्चित करना चाहिए. नेत्र बैंकों को कई मानकों को पूरा करना चाहिए. नेत्रदान प्रश्नों के लिए एक सार्वजनिक प्रतिक्रिया प्रणाली होना. जन जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करना. पर्याप्त स्थान, उपकरण और आपूर्ति होना. तकनीकी कर्मचारियों के लिए योग्यता मूल्यांकन कार्यक्रम होना. उपकरणों के रखरखाव के लिए प्रलेखित प्रक्रियाएं स्थापित करना.
आई बैंक वालों को चेतावनी
नेशनल ऑर्गन एवं टिश्यूज ट्रांसप्लांट ऑर्गेनाइजेशन (NOTTO) ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों (यूटी) को पत्र लिखकर नेत्रदान गतिविधियों में सुधार न करने वाले नेत्र बैंकों को चेतावनी दी है कि वे कॉर्निया संग्रह के लक्ष्य को पूरा करने में विफल रहने पर अपना पंजीकरण रद्द कर दें. मानव अंग एवं ऊतक प्रत्यारोपण अधिनियम, 1994 के नियमों के अनुसार राज्य प्राधिकरणों से संबद्ध प्रत्येक नेत्र बैंक को पांच वर्षों में कम से कम 500 कॉर्निया एकत्र करने होते हैं. जो मोटे तौर पर हर साल कम से कम 50 आंखें और 100 कॉर्निया के बराबर है. नोट्टो के निदेशक डॉ. अनिल कुमार द्वारा हस्ताक्षरित पत्र के अनुसार प्राधिकरण नेत्र बैंक को अपनी नेत्रदान गतिविधियों में सुधार करने के लिए चेतावनी नोटिस जारी करने पर विचार कर सकता है. अन्यथा अगले कार्यकाल के लिए उनके नवीनीकरण पर विचार नहीं किया जा सकता है.
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NOTTO ने आई बैंक वालों पर कसा शिकंजा
यह कदम ऐसे समय उठाया गया है जब NOTTO सभी कॉर्निया प्रत्यारोपण केंद्रों और टिश्यूज बैंकों, जिसमें नेत्र बैंक भी शामिल हैं. अपने द्वारा बनाए गए मरीजों के राष्ट्रीय रजिस्ट्री डेटाबेस से जोड़ने पर विचार कर रहा है. प्रत्यारोपण नियामक निकाय ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों (UT) से ऐसे सभी पंजीकृत केंद्रों द्वारा दान किए गए.
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संग्रहीत किए गए और किए गए प्रत्यारोपणों की संख्या साझा करने के लिए भी कहा है. ये कदम इस साल मई में महानिदेशक स्वास्थ्य सेवा (DGHS) अतुल गोयल की अध्यक्षता में कॉर्निया दान, पुनर्प्राप्ति और वितरण से संबंधित मुद्दों पर एक बैठक के बाद उठाए गए हैं.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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