नई दिल्लीः डायबिटीज से ग्रस्त लोगों में से लगभग 40% डायबिटीज जनित रेटिनोपैथी से भी पीड़ित होते हैं. आंखों की देखभाल के लिए डायबिटीज जनित रेटिनोपैथी की जांच जरूरी है. डायबिटीज जनित रेटिनोपैथी स्मॉल ब्लड वैसल्स को नुकसान पहुंचने से होती है. ये ब्लड वैसल्स ही रेटिना को न्यूट्रि‍शंस पहुंचाती हैं. क्षतिग्रस्त होने पर इनमें से रक्त और अन्य तरल पदार्थो का रिसाव होने लगता है, जिससे रेटिना के टिश्यूज़ में सूजन आ जाती है और नजर धुंधलाने लगती है. यह स्थिति आमतौर पर दोनों आंखों को प्रभावित करती है.

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के मुताबिक, हालांकि डायबिटीज जनित रेटिनोपैथी हमेशा से ही डायबिटीज से जुड़ी एक बड़ी परेशानी रही है, लेकिन हाल के वर्षो में इसके मामलों में वृद्धि देखने में आ रही है. यदि समय पर उचित कदम नहीं उठाए गए, तो स्थिति और अधिक खराब हो सकती है.

आईएमए के अध्यक्ष डॉ. के.के. अग्रवाल ने कहा, "डायबिटीज जनित रेटिनोपैथी को डायबिटीज पीड़ितों में अंधेपन का प्रमुख कारण माना जाता है. हालांकि, यह एक ऐसी स्थिति है, जिसे ठीक किया जा सकता है और होने से रोका भी जा सकता है."

उन्होंने कहा, "कुछ कारक जो इस स्थिति को बढ़ाते हैं, उनमें प्रमुख हैं- ग्लाइसेमिक नियंत्रण में कमी, हाई ब्लकड प्रेशर और हाई कोलेस्ट्रॉल स्तर. ज्यादातर रोगियों में, डायबिटीज जनित रेटिनोपैथी आमतौर पर एकदम से पता नहीं चल पाती, यानी इसके लक्षण हल्के होते हैं. इस कारण से, डायबिटीज पीड़ित लोग इस बात से तब तक अनजान रहते हैं, जब तक कि रोग बढ़ नहीं जाता."

डॉ. अग्रवाल ने कहा, "खोया हुआ विजन बहाल नहीं हो सकता. इसलिए, यह आवश्यक है कि डायबिटीज पीड़ित व्यक्ति रेटिनोपैथी का पता लगाने के लिए नियमित रूप से जांच कराते रहें. नजर खोने और कमजोर होने से रोकने के लिए शुरू में ही ध्यान देना महत्वपूर्ण है."

आई डिजीज़ की सूची में डायबिटीज जनित रेटिनोपैथी भी एक है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) ने इसे अपने विजन 2020 : राइट टू साइट इनीशिएटिव में शामिल किया है. यह इंटरनेशनल एजेंसी फॉर दि प्रीवेंशन ऑफ ब्लाइंडनेस की प्राथमिकता सूची में भी सम्मिलित है.

डॉ. अग्रवाल ने बताया, "हालांकि बीमारी बढ़ने के बाद ही इसके लक्षण दिखाई देते हैं, लेकिन कुछ सामान्य लक्षण भी हैं जैसे कि दृष्टि में धुंधलापन, आंखों के पास धब्बे, दोहरी दृष्टि और आंखों में दर्द. लेजर सर्जरी का इस्तेमाल करके अक्सर इसका इलाज किया जाता है, लेकिन डायबिटीज के प्रत्येक चरण में रेटिनोपैथी का उपचार एक अलग तरीके से किया जा सकता है."

डायबिटीज जनित रेटिनोपैथी के कारण होने वाली दृष्टि हानि को कम करने की तरीके :




  • ब्लड शुगर के स्तर पर नियंत्रण करके इससे बचा जा सकता है. ब्लड शुगर के स्तर पर लगातार नजर रखनी चाहिए और पर्याप्त शारीरिक गतिविधियों में हिस्सा लेना चाहिए.

  • ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करें : इस विकार से संबंधित जटिलताओं में से एक मैकुलर एडेमा है, जो हाई ब्लड प्रेशर वाले लोगों में होता है. इसलिए, इसके लेवल को कंट्रोल में रखें.

  • नियमित रूप से आंखों की जांच कराएं : अपनी आंखों की जांच नियमित रूप से कराएं. यद्यपि डायबिटीज जनित रेटिनोपैथी और अन्य ऐसी समस्याओं के लिए स्क्रीनिंग काफी नहीं होती. फिर भी इससे समय पर उपचार में मदद मिल सकती है.

    नोट: ये रिसर्च के दावे पर हैं. ABP न्यूज़ इसकी पुष्टि नहीं करता. आप किसी भी सुझाव पर अमल या इलाज शुरू करने से पहले अपने डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें.