Corneal Disease : आंख हमारे शरीर का सबसे सेंसेटिव अंग है. इससे जुड़ी हल्की से परेशानी भी बड़ी और गंभीर समस्या पैदा कर सकती है. आंखों के कॉर्निया में खराबी रोशनी भी छीन सकता है. यह अंधेपन का कारण बन सकती है. भारत में अंधेपन का तीसरा सबसे बड़ा कारण कॉर्नियल ब्लाइंडनेस (Corneal Blindness) है. इसलिए आंखों का विशेष ख्याल रखना चाहिए. आइए जानते हैं कॉर्निया क्या होता है, इसमें खराबी आने का कारण और इसका इलाज...

 

कॉर्निया क्या है, यह कैसे खराब होता है

आंखों के ऊपर एक परत होती है, जो आंखों के सामने वाले हिस्से को कवर करने का काम करती है, इसे ही कॉर्निया कहा जाता है. आंखों में इंफेक्शन, आई हर्पीस और किसी तरह की चोट के कारण कॉर्निया डैमेज हो सकता है. अगर समय पर इसका इलाज न हो तो आंखों की रोशनी हमेशा के लिए जा सकती है. ऐसा होने पर आंखों की रोशनी वापस पाने के लिए कॉर्निया ट्रांसप्लांट करना पड़ता है. आई डोनेशन में कमी के चलते कई मरीजों का कॉर्निया ट्रांसप्लांट नहीं हो पाता है.

 

क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स

डॉक्टरों के मुताबिक, कॉर्निया के कारण जो ब्लाइंडनेस होती है, उसके हर साल 25 से 30 हजार नए केस मिल रहे हैं. ज्यादातर लोग कॉर्निया में आई खराबी के लक्षणों को नजरअंदाज करते हैं, जिसकी वजह से समस्याएं बढ़ सकती हैं. इसलिए कभी भी आंखों के इन लक्षणों को अनदेखा नहीं करना चाहिए. कोई भी लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर के पास जाना चाहिए. इसको लेकर जागरूकता अभियान चलाए जा रहे है. इसके जरिए लोगों को नेत्रदान के बारें में समझाया जा रहा है. ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग आंख डोनेट करने के लिए आगे आएं और कई लोगों की आंखों को रोशनी मिल सके. 

 

कॉर्निया में खराबी के लक्षण


  • आंखों पर सफेद धब्बे पड़ जाना

  • धुंधला और कम नजर आना

  • आंखों का लाल हो जाना

  • आंखों का ज्यादा फड़कना


Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.

 

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