Eye Care : आज कम उम्र में ही आंखों पर चश्मा आ जा रहा है. बिगड़ी लाइफस्टाइल इसकी सबसे बड़ी वजह मानी जा रही है. ज्यादातर डायबिटीज या हाई ब्लड प्रेशर की वजह से आंखों की रोशनी कम होने लगती है लेकिन नजर कमजोर होने के कई और भी कारण (Vision Loss Reason) हो सकते हैं. ऐसे में अपनी गलत आदतों को इग्नोर करने से काम नहीं चलेगा, यह आंखों के लिए खतरनाक हो सकता है. आंखों के डॉक्टर के मुताबिक, आंखों का धुंधलापन या कमजोरी नजरअंदाज करना बिल्कुल ठीक नहीं है. क्योंकि कई दूसरी बीमारियों की वजह से भी ऐसा हो सकता है. आइए जानते हैं कमजोर होती नजरों का मुख्य कारण...
स्क्रीन पर ज्यादा वक्त बिताना
टेक्नोलॉजी के बढ़ने से ज्यादातर लोगों का स्क्रीन पर समय बढ़ गया है. इसकी वजह से भी आंखों की रोशनी कम होने लगती है. कंप्यूटर, स्मार्टफोन या टीवी देखने से ऐसा होता है. स्क्रीन टाइम ज्यादा होने के चलते आंखों पर ज्यादा जोर पड़ता है. आंखें रूखी होने लगती है और रोशनी कम. इसलिए जब इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स का इस्तेमाल करें तो बीच-बीच में ब्रेक लेते रहें. आंखों पर पड़ने वाले प्रभाव को कम करने के लिए चश्मे की मदद भी ले सकते हैं.
स्मोकिंग से
आंखों के डॉक्टर के मुताबिक, स्मोकिंग करने से भी आंखों की रोशनी कम हो सकती है. तंबाकू से जो धुआं निकलता है, उसमें जहरीला रसायन पाया जाता है, जिससे आंखों को नुकसान पहुंच सकता है. इससे मोतियाबिंद भी तेजी से होता है. अगर किसी को डायबिटीज है तो रेटिनोपैथी भी खराब हो सकती है. इससे रात में कम दिखाई पड़ सता है. ऑप्टिक तंत्रिका को भी इससे नुकसान पहुंचता है. ग्लूकोमा और यूवाइटिस जैसी आंखों की कई समस्याओं से दो चार होना पड़ता है.
आंखों की समस्या को इग्नोर करने से
कई बार आंखों बताती हैं कि उनमें समस्याएं हैं लेकिन उन लक्षणों को नजरअंदाज करते रहते हैं. इससे कई समस्याएं और पैदा हो सकती हैं. आंखों से धुंधला दिखना, दर्द होना, लालिमा, आंखों की समस्याओं के इलाज में देरी से रोशनी कम हो सकती है. डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए.
ऑटोनोमस बीमारी
डायबिटीज के अलावा कई ऑटोनोमस डिजीज रूमेटाइड अर्थराइटिस, मल्टीपल स्क्लेरोसिस और इंफ्लेमेटरी बाउल डिजीज की वजह से भी आंखों की रोशनी जा सकती है. इसलिए परेशानी होने पर तुरंत डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए.
यह भी पढ़ें