आंख से दिल की बीमारी का पता लगाना हुआ आसान, रेटिना की स्कैनिंग बताएगी स्ट्रोक का जोखिम
अमेरिकी शोधकर्ताओं का दावा है कि ब्लड सर्कुलेशन दिल की बीमारी और स्ट्रोक के जोखिम का संकेत है. रिपोर्ट से पता चलता है कि आपको इन दिनों बीमारियों का कितना खतरा है.
![आंख से दिल की बीमारी का पता लगाना हुआ आसान, रेटिना की स्कैनिंग बताएगी स्ट्रोक का जोखिम Eye test may detect heart disease, scanning of retina will tell stroke risk आंख से दिल की बीमारी का पता लगाना हुआ आसान, रेटिना की स्कैनिंग बताएगी स्ट्रोक का जोखिम](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2021/10/06/613dd57aab3562c7660a2dfaff0365a2_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
आंख की साधारण जांच से दिल की बीमारी या स्ट्रोक के जोखिम का पता लगाया जा सकता है. रेटिना की स्कैनिंग रिपोर्ट बताएगी कि आपको हार्ट रोग और स्ट्रोक का कितना जोखिम है. अमेरिका के सैनडिएगो की कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने अपनी हालिया रिसर्च में खुलासा किया है. उनका कहना है कि रेटिना का परीक्षण कर बताया जा सकता है कि इंसानों की आंख में ब्लड का सर्कुलेशन कितना कम है और ब्लड सर्कुलेशन इन बीमारियों का संकेत होता है.
आंख के टेस्ट से चलेगा दिल की बीमारी का पता
रेटिना से आंख की बीमारी को समझने के लिए शोधकर्ताओं ने 13,940 मरीजों पर रिसर्च किया. मरीजों की रेटिना का परीक्षण जुलाई 2014 और जुलाई 2019 के बीच किया गया. जांच से 84 मरीजो में दिल का रोग की पुष्टि हुई. 84 मरीजों में 58 क्रोनोरी दिल की बीमारी से पीड़ित थे. वहीं, 26 मरीज को स्ट्रोक हुआ था. दोनों ही मामलों में मरीजों का सीधा संबंध ब्लड सर्कुलेशन से जुड़ा हुआ पाया गया. शोधकर्ताओं ने बताया कि शरीर में ब्लड का सर्कुलेशन कम होने या काफी नहीं होने पर आंख की रेटिना सेल्स भी प्रभावित होती है.
कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी में रेटिना सर्जन डॉक्टर मैथ्यून बेकहम ने बताया, "उसकी जांच भविष्य में दिल की बीमारी के जोखिम को कम कर सकती है." शोधकर्ताओं के मुताबिक, दिल की बीमारी यानी स्कीमिया को रेटिना की जांच से पहचाना जा सकता है. ऐसी परिस्थिति में शरीर में ऑक्सीजन लेवल गिरता है धमनियों की क्षति का जोखिम बढ़ता है. वैज्ञानिक अब मंसूबा बना रहे हैं कि रेटिना टेस्ट में स्कीमिया के लक्षण दिखने पर मरीज को हार्ट रोग विशेषज्ञ के पास भेजा जाएगा.
लक्षण पर हार्ट रोग विशेषज्ञ के पास भेजने का मंसूबा
रेटिना टेस्ट की मदद से विशेषज्ञ ग्लूकोमा और मैकुलर होल जैसी बीमारियों की पहचान करते हैं. ये एक साधारण जांच है और किसी तरह के दर्द से मरीज को इस दौरान नहीं गुजरना पड़ता. शोधकर्ताओं का कहना है कि आम तौर पर जब तक कोई दिल की बीमारी से पीड़ित नहीं होता है, उससे जुड़ा जांच नहीं कराता है. ऐसी स्थिति में रेटिना की जांच मरीज की आंख के साथ दिल की सेहत के बारे में भी बता पाने में सक्षम होगी. उन्होंने बताया कि अगर समय पर दिल की बीमारी के जोखिम को पहचान लिया जाए, तो उसे डाइट और व्यायाम से काबू किया जा सकता है.
Insomnia का घरेलू इलाज: शांतिपूर्ण नींद के लिए डाइट में शामिल करें ये फूड
Nutrition For Health: स्वस्थ रहना है तो डाइट में शामिल करें ये जरूरी विटामिन और मिनरल्स
Check out below Health Tools-
Calculate Your Body Mass Index ( BMI )
ट्रेंडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस
![ABP Premium](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-mid.png)