Eye Treatment: आपने अक्सर सुना होगा कि किसी व्यक्ति की दाईं आंख फड़कने लगे तो आसपास मौजूद कोई भी व्यक्ति कहने लगेगा, आज कुछ अच्छा होने वाला है. बाईं आंख फड़के तो इसे अशुभ संकेत के रूप में देखा जाता है. महिलाओं के मामले में आंखों की कंडीशन उल्टी हो जाती है. मसलन बाईं आंख को महिलाओं को लिए शुभ और दाईं को अशुभ मान लिया जाता है. हालांकि, नार्मली आंख थोड़ी देर में ही फड़कना बंद कर देती हैं. लेकिन कई बार ऐसी स्थिति बन जाती है कि घंटा गुजरा, पूरा दिन गया और भी कई दिन चले गए. आंख फड़कना बंद नहीं करती. ऐसे समय में सचेत होने की जरूरत है. यह कोई शुभ अशुभ का संकेत नहीं है. आंखों के बीमार होने का इंडीकेशन है. 


इन बीमारियों में भी फड़कती हैं आंखें


आईलिड मायोकेमियाः यह बीमारी एंग्जाइटी, आंखों की थकावट, नशे का सेवन, कैफीन अधिक लेना, नींद पूरी न होना जैसे फैक्टर से हो सकती है. इसमें कुछ घंटे या दिन तक आंखें फड़कती रहती हैं. बाद में खुद से ठीक हो जाती हैं. 


बिनाइन इसेन्शियल ब्लेफेरोस्पाज़्मः इसे आंखों की गंभीर बीमारी माना जाता है. इसमें आंखों की मसल्स सिकुड़ जाती हैं. इसमें आंखें फड़कती रहती हैं. जब आंखें फड़कती हैं तो दर्द महसूस होता है. कई बार आंखों को खोलना तक मुश्किल हो जाता है. आंखों के साथ भौंहों की मसल्स भी फड़कने लगती हैं. इसमें विजन धुंधला हो जाता है. आंखों पर सूजन आने लगती है. इससे महिलाएं अधिक पीड़ित होती हैं. 


हेमीफेशियल स्पाज्मः आंख समेत चेहरे के आधा हिस्सा सिकुड़ जाता है. इससे चेहरे, गाल,  मुंह और आंखें फड़कना शुरू कर देती हैं. यह आमतौर पर जलन और चेहरे की नसों के संपीड़न के कारण होता है. इससे ब्रेन और तंत्रिका तंत्र भी प्रभावित होता है.


इसलिए भी फड़कती हैं आखें


एक्सपर्ट का कहना है कि एंग्जाइटी अधिक होने पर बॉडी ऐसे हार्माेन रिलीज करती है, जिससे आंखें फड़कना शुरू हो जाती हैं. प्रॉपर आराम न मिलने पर मसल्स रिएक्ट करती हैं, इससे भी आंखें फड़कती हैं. यदि कंप्यूटर या टीवी अधिक देख रहें तब भी आंखों पर दबाव पड़ता है और यह परेशानी बनती है. शराब, कैफीन या किसी नशे की लत है तब भी यह आंख फड़कने का कारण बनती है. बॉडी को पोषक तत्व न मिलने पर भी यह समस्या बन सकती हैं. आंखों का सूखापन होने पर भी फड़कने की परेशानी दिख सकती हैं.


परेशानी न हो, इसके लिए क्या करें


आमतौर पर आंखों की फड़कन कुछ देर में ठीक हो जाती है. लेेकिन कई बार होता है कि यह परेशान करती है. इसके लिए जरूरी है कि आंखों को आराम दें. पोषक तत्वों से भरपूर खाना लें. तनाव मुक्त होने के लिए योग करें, खुद को रिलेक्स रखें. अच्छी नींद लें, कैफीन का सेवन कम करें, डॉक्टर की सलाह पर आई ड्रॉप का प्रयोग कर सकते हैं. इससे आंखों में नमी बनी रहेगी. परेशानी अधिक है तो तुरंत डॉक्टर को दिखाएं


Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीकों व दावों को केवल सुझाव के रूप में लें, एबीपी न्यूज़ इनकी पुष्टि नहीं करता है. इस तरह के किसी भी उपचार/दवा/डाइट और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें. 


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