Eye Care Tips: स्वस्थ जीवन जीने के लिए आंखो की सेहत भी बेहतर होनी जरूरी है. हालांकि कई लोग लंबे समय तक स्क्रीन के साथ समय बिताके हैं, जिससे दृष्टि संबंधी कई समस्याएं होती हैं. आंखों के अच्छे स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए एक संतुलित आहार आवश्यक है. अपने आहार में कई तरह के फलों और सब्जियों को शामिल करने से आपके शरीर को स्वस्थ दृष्टि के लिए आवश्यक विटामिन, खनिज और एंटीऑक्सिडेंट मिलने में मदद मिल सकती है. ब्रोकली, केले, पालक और लेट्यूस जैसी हरी सब्जियां ल्यूटिन/ज़ेक्सैन्थिन और एंटीऑक्सिडेंट से भरपूर होती हैं जो आंखों को हानिकारक नीली रोशनी और फ्री रेडिकल्स से बचाती हैं. इन एंटीऑक्सिडेंट के अन्य स्रोतों में मकई, अंडे, संतरा और पपीता शामिल हैं.
गर्मियों में आंखों को भी चाहिए स्पेशल केयर
आंखों के अच्छे स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए ओमेगा -3 फैटी एसिड भी महत्वपूर्ण हैं. ओमेगा-3 फैटी एसिड के स्रोतों में अलसी के बीज, अलसी का तेल, मछली जैसे सामन, सार्डिन, ट्यूना और अखरोट शामिल हैं. अच्छे नेत्र स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए विटामिन ए, सी, और ई और जिंक भी आवश्यक हैं. विटामिन ए गाजर, आम, लाल मिर्च, पालक और शकरकंद में पाया जाता है. ब्रोकली, खट्टे फल, लाल मिर्च और आंवला में विटामिन सी पाया जाता है. ब्रोकली, बादाम, मूंगफली और पालक में विटामिन ई पाया जाता है. चना, रेड मीट और दही में जिंक पाया जाता है. इन चीजों को अपने आहार में शामिल करने से मोतियाबिंद को रोकने में मदद मिल सकती है.
आंखों की रोशनी के लिए हानिकारक खाद्य पदार्थ
एक संतुलित आहार बनाए रखने के अलावा, उन खाद्य पदार्थों से दूर रहना जरूरी है जो संभावित रूप से हमारी दृष्टि को नुकसान पहुंचा सकते हैं. मिठाई, ब्रेड, पास्ता, चावल और मांस से युक्त उच्च-कैलोरी आहार का सेवन करना, साथ ही ऐसे खाद्य पदार्थों का सेवन करना जो नमक में उच्च होते हैं, वनस्पति तेलों में तले हुए होते हैं जिनमें वनस्पति तेल, चीनी जैसे ट्रांस-वसा होते हैं.
लाइफस्टाइल में बदलाव की जरूरत
आहार में बदलाव के साथ-साथ कुछ जीवनशैली में बदलाव भी आंखों के अच्छे स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद कर सकते हैं. चार महीने की उम्र में बच्चों की आंख की जांच होनी चाहिए, इसके बाद चार साल की उम्र के बाद साल के अंदर भी जांच होनी चाहिए. प्रीमेच्योरिटी (आरओपी) की रेटिनोपैथी को बाहर करने के लिए समय से पहले बच्चों की दो सप्ताह की उम्र में भी आंखों की जांच करानी चाहिए. सिस्टम पर काम करने वाले लोगों को हर छह महीने में अपनी आंखों की जांच करानी चाहिए. 40 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को पढ़ने के चश्मे के लिए अपनी आंखों की जांच करानी चाहिए.
Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.