Retinal Detachment :आम आदमी पार्टी के नेता और एक्ट्रेस परिणीति चोपड़ा के पति राघव चड्ढा की लंदन में आंखों की सर्जरी (Raghav Chadha Eye Surgery) हुई है. उनकी पार्टी के नेता सौरभ भारद्वाज ने राघव की हेल्थ  अपडेट देते हुए बताया कि उनकी आंखों में गंभीर समस्या थी. जिसकी वजह से उनकी आंखों की रोशनी हमेशा के लिए जा भी सकती थी. हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, राघव चड्ढा की आंखों के रेटिना में छेद होने की बात निकलकर सामने आई है. कुछ रिपोर्ट्स के हवाले से बताया गया है कि उन्हें रेटिना डिटेचमेंट की समस्या थी. रिपोर्ट्स के मुताबिक, अब वो अच्छी तरह रिकवर हो रहे हैं. ऐसे में सवाल कि आखिर रेटिना डिटेंचमेंट होती क्या है और इसमें जो सर्जरी होती है, वह क्या होती है...

 

आंखों में क्यों हो जाता है छेद 

एक्सपर्ट्स का मानना है कि रेटिना के बीच एक छोटा सा छेद हो जाता है, जिसे मैक्यूलर होल भी कहा जाता है. इसका सटीक कारण तो अब तक पता नहीं लेकिन हो सकता है कि आंखों की चोट, रेटिना में सूजन, एक आंख से दूर न देख पाना, डायबिटीज, रेटिनल डिटेचमेंट या मैक्यूला के ऊपर दाग बनने की वजह से ऐसा होता हो.

 

रेटिनल डिटैचमेंट क्यों खतरनाक 

रेटिनल डिटेचमेंट आंखों से जुड़ी एक बेहद गंभीर समस्या है. नेशनल आई इंस्टीट्यूट के अनुसार, रेटिना आंखों के पीछे का हिस्सा होता है, जो लाइट सेंसेटिव लेयर होती है. इस बीमारी में यह अपनी ही जगह से खिसक जाती है, जिससे रेटिनल डिटैचमेंट की बीमारी हो जाती है.

 

रेटिनल डिटैचमेंच के लक्षण क्या हैं

1. आंखों के सामने काले धब्बे या लाइन

2. रोशनी में एक या दोनों आंख का चौंधियाना

3. आंखों के सामने एक तरफ काली परछाई नजर आना

 

रेटिनल डिटैचमेंट से बचने के लिए करना चाहिए

नेशनल आई इंस्टीट्यूट के अनुसार, रेटिनल डिटैचमैंच एक ऐसी बीमारी है, जो उम्र बढ़ने के कारण होती है. इसलिए इसका बचाव आसान नहीं होता है. हालांकि, आई इंजरी इसके खतरे को कम कर सकता है. अगर खेलते समय कोई चोट लगी हो तो काम करने के दौरान सेफ्टी चश्मा पहना चाहिए.

 

रेटिनल डिटैचमेंट से बचने के लिए कौन सी सर्जरी

रेटिनल डिटेचमेंट, रेटिना की झुर्रियां या रेटिना के आगे से ब्लड को हटाने के लिए सर्जरी की जाती है, जिसका नाम विट्रोक्टॉमी (Vitrectomy) सर्जरी होती है। एक्सपर्ट्स के अनुसार, इस सर्जरी में आंखों के एक तरफ को सुन्न कर दिया जाता है फिर सफेद हिस्से में छोटा सा चीरा लगाकर छोटे टूल्स की मदद से बीमारी को दूर किया जाता है.


Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.


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