Fabry Disease: फैब्री बीमारी क्या है? जानें इसके शुरुआती लक्षण और बचाव का तरीका
Fabry Disease: फैब्री बीमारी एक तरह की जेनेटिक बीमारी है. फैब्री बीमारी के लक्षण अलग-अलग शरीर पर अलग तरह के दिखाई दे सकते हैं. यह एक रेयर जेनेटिक बीमारी है.
Fabry Disease: फैब्री बीमारी एक तरह की जेनेटिक बीमारी है. हर इंसान पर इसके अलग-अलग लक्षण दिखाई देते हैं. कुछ लोगों में इस बीमारी के लक्षण बचपन में ही दिखाई देते हैं. वहीं कुछ लोगों के उम्र बढ़ने के साथ लक्षण दिखाई देते हैं.
फैब्री बीमारी एक रेयर जेनेटिक बीमारी है
फैब्री बीमारी के लक्षण अलग-अलग शरीर पर अलग तरह के दिखाई दे सकते हैं. यह एक रेयर जेनेटिक बीमारी है. जिसके लक्षण आमतौर पर बचपन में ही दिखाई देते हैं. अगर किसी व्यक्ति के शरीर में फैब्री रोग के लक्षण दिखाई देते हैं इसका साफ अर्थ है कि उसके शरीर में उतनी मात्रा में एंजाइम नहीं है जितनी होनी चाहिए.
इस बीमारी में फैट तोड़ने वाली एंजाइम शरीर से नष्ट हो जाती है
इस बीमारी में शरीर के वैसे एंजाइम पूरी तरह से खत्म हो जाते हैं जो फैट तोड़ने का काम करते हैं. यही फैब्री बीमारी का कारण बनता है. अगर आपके घर में आपके माता-पिता या दादी-नानी को ऐसी बीमारी है तो यह जेनेटिक बीमारी आपको भी हो सकती है. यह बीमारी महिला या पुरुष किसी को भी हो सकती है. महिला की तुलना में यह बीमारी पुरुषों को ज्यादा होती है.
क्या है फैब्री की बीमारी
फैब्री एक ऐसी बीमारी है जिसमें अल्फा-गैलेक्सी डेज-ए की कमी करता है. यह जेनेटिक बीमारी डिसऑर्डर है. यह एक तरह का न्यूरोलॉजिकल बीमारी है जो हमारे शरीर में तब होता है जब अल्फा-गैलेक्सी डेज-ए लिपिड फैट को तोड़ नहीं पाता है. जिसके कारण इसका नुकसान हमारी आंखें, किडनी और हार्ट को झेलना पड़ता है. सबसे डरावनी बात यह है कि इस बीमारी के कारण हार्ट स्ट्रोक, ब्रेन स्ट्रोक और हार्ट अटैक का खतरा बढ़ता है.
फैब्री रोग के लक्षण
हाथ-पैर में जलन महसूस होना
त्वचा पर लाल चकत्ते निकलना
ठीक से दिखाई न देना
पेट संबंधी समस्याएं जैसे पेट खराब होना, दस्त, कब्ज और पेट में दर्द
ठीक से सुनाई न देना
सिरदर्द या चक्कर आना
ज्यादा या एकदम पसीना न आना
फैब्री एक रेयर बीमारी के कारण इसके लक्षण अलग-अलग शरीर पर अलग-अलग तरीके से दिखाई देते हैं.यही कारण है कि इसके इलाज में काफी ज्यादा वक्त लगता है. अगर किसी व्यक्ति को फैब्री की बीमारी है तो उसे बच्चा पैदा करने से पहले एक बार डॉक्टर से जरूर संपर्क करना चाहिए. ताकि यह बीमारी उसमें से बच्चे में न आए.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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