नई दिल्लीः हाल ही में ऑटिज्म से पीड़ित बच्चों और उनके परिवार पर हुई रिसर्च में कहा गया कि ऑटिज्म बच्चों की देखभाल करने वाले परिवारों को कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है. ऐसे परिवारों को बहुत ज्यादा फीजिकली और इमोशनली स्ट्रेस होता है. इतना ही नहीं, कई बार परिवार के सदस्यों पर बच्चों के साथ बुरा बर्ताव करने के भी आरोप लगते हैं.
आपको बता दें, ऑटिज्म बच्चों की विकास प्रक्रिया से जुड़ा एक ऐसा विकार है जो उनकी बातचीत करने और बोलने की क्षमता को प्रभावित करता है.
अमेरिका में रुटजर्स विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं समेत अन्य विशेषज्ञों ने ऑटिज्म स्पेक्ट्रम विकार से ग्रस्त पाये गये 2 से 20 साल की उम्र के 16 लोगों की देखभाल करने वाले 25 लोगों पर यह शोध किया.
शोध में इस बात का आकलन किया गया कि ऑटिज्म पीड़ित बच्चों की देखभाल उनके परिवार के माहौल, परिवार के लोगों के शारीरिक स्वास्थ्य और इमोशनल हेल्थक उनके सोशल वर्क पर क्या असर डालती है.
इंटरनेशनल जर्नल ऑफ ऑटिज्म एंड रिलेटेड डिसैबिलिटीज में प्रकाशित शोध के अनुसार ऐसे परिवारों में जहां बच्चा ऑटिज्म से जूझ रहा है, वहां इमोशनल स्ट्रे स होना लाजिमी है. शोध में ये भी पाया गया कि ऐसे परिवार सामाजिक अलगाव से भी ग्रस्त हैं.
रुटजर्स यूनिवर्सिटी में न्यूरोलॉजी के प्रोफेसर और शोध के सह-लेखक शु मिंग ने कहा कि ऑटिज्म स्पेक्ट्रम डिसऑर्डर से लोगों पर पड़ने वाले असर को लेकर तो समझ बढ़ी है, वहीं इन बच्चों की देखभाल करने वाले परिवारों पर पढ़ने वाले बोझ को लेकर जागरुकता पर कम काम हुआ है.
ये खबर रिसर्च के दावे पर हैं. ABP न्यूज़ इसकी पुष्टि नहीं करता. आप किसी भी सुझाव पर अमल या इलाज शुरू करने से पहले अपने एक्सपर्ट की सलाह जरूर ले लें.