स्वास्थ्य अनुसंधान विभाग (डीएचआर) के अंदर काम करने वाली 'हेल्थ डिपार्टमेंट' आईसीएमआर (भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद) ने हाल ही में एक सूचना जारी की है. इस सूचना में स्वास्थ्य संबंधी ऐसी बातों का जिक्र किया है जो शायद हर एक व्यक्ति को जानना बेहद जरूरी होता है. इस सूचना में साफ कहा गया है कि कोविड के बाद से ही लोगों में कई स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां देखने को मिल रही है. जो लोगों की रोजमर्रा की जिंदगी को काफी ज्यादा प्रभावित कर रही है.
कोविड के बाद शरीर में होने वाली परेशानियां
कोविड के बाद से होने वाली परेशानियों को आप इसका लॉन्ग टर्म असर से भी जोड़कर देख सकते हैं. इन स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों ने कई अंगों को प्रभावित किया है. जैसे एलर्जी, दिल से संबंधित बीमारी, कम सुनने की बीमारी, न्यूरोन से जुड़ी बीमारी, त्वचा संबंधी बीमारी, किडनी, लिवर, लंग्स, जांघ और आंत से जुड़ी परेशानियां हो सकती है.
भारत के 31 हॉस्पिटल के आंकड़े शामिल किए गए
भारत के 31 हॉस्पिटल से लिए गए आंकड़ों और क्लिनिकल रजिस्ट्री आंकड़ों के हिसाब से यह डेटा तैयार की गई है. इसमें साफ कहा गया कि स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों में सांस फूलना, थकान, मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं जैसे लक्षण देखे गए हैं.
मरीज ठीक होने बाद भी इन परेशानियों से जूझ रहे हैं
इस डेटा में 8042 मरीज को शामिल किया गया. इसमें देखा गया कि यह मरीज अपने डिस्चार्ज के 30-60 दिनों के बाद से ही छोटी-मोटी परेशानियों से जूझ रहे हैं. 18.6 प्रतिशत, 10.5 प्रतिशत, और 9.3 प्रतिशत में सांस फूलना, थकान और मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं देखी गई. उनमें से 2192 प्रतिभागियों में एक साल के गैप के बाद कई सारी गंभीर स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां बढ़ी है. वहीं 11.9 प्रतशित, 6.6 प्रतिशत और 9 प्रतिशत की कमी पाई गई है.
ICMR की रिपोर्ट
इन आंकड़ों में यूरोप के 106 स्टडीज, एशिया के 49 स्टडीज, नॉर्थ और साउथ अमेरिका 31 स्टडीज और दूसरे महाद्बीपो से 194 स्टडीज को शामिल किया है. इस रिपोर्ट में कहा गया कि सरकारी हॉस्पिटल में 29 प्रतिशत लोगों को एडमिट किया गया है. वहीं जिन लोगों को हॉस्पिटल में एडमिट नहीं किया गया है. उन लोगों में भी थकान, शरीर में दर्द, बैचेनी, नींद की कमी, सांस फूलना जैसी दिक्कत होती है.
इस रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि कोविड के बाद से अगर लोगों में जिस तरीके से स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां देखी गई है. उसके पीछे का कारण इम्युनिटी का कमजोर होना, डिस्बिओसिस, माइक्रोथ्रोम्बी, फाइब्रोसिस, सांस संबंधी दिक्कत हो सकती है.
कोविड 19 के बाद से इन बीमारियों का बढ़ा है खतरा
हाल ही में सामने आए एक रिपोर्ट के मुताबिक कोविड-19 से ठीक हुए लगभग 45 प्रतिशत लोगों में कम से कम एक लक्षण तो जरूर दिखाई दिए हैं. वही कोविड के बाद से लोगों में थकान काफी ज्यादा देखे गए हैं. इस डेटा में और चीजों को शामिल किया गया है जैसे कई सारी स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां, सांस फूलना, लगातार गंध और स्वाद की कमी, दिमाग में धुंधलापन, सिरदर्द, खांसी, हल्का बुखार, खबराहट, चक्कर आना, अवसाद, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द जैसी परेशानी हो सकती है.
ICMR ने वैक्सीन को लेकर क्या कहा?
'वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन' के मुताबिक थकान, सांस फूलना, सांस लेने में कठिनाई, दिमाग का कमजोर होना, एकाग्रता में कमी, लगातार खांसी, सीने में दर्द, बोलने में परेशानी, मांसपेशियों में दर्द, स्वाद और गंध में कमी की दिक्कत हो सकती है. लगातार खांसी, मांसपेशियों में दर्द, गंध और स्वाद की कमी, अवसाद और चिंता, बुखार जैसी परेशानी हो सकती है. ICMR ने यह भी बताया कि जिन लोगों ने कोविड होने से पहले ही वैक्सीन ले ली थी. उनमें स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतें कम देखी गई है. कोविड से मरे सिर्फ 16 प्रतिशत मरीजों को ही टीका लगाया गया था.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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