वाशिंगटन: अमेरिकी फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एफडीए) ने पहली बार मरीजों के जेनेटिक ब्लाइंडनेस (आनुवांशिक दृष्टिहीनता) के इलाज की नई जीन थेरेपी को मंजूरी दे दी है. इस जेनेटिक ब्लाइंडनेस से व्यक्ति ब्लाइंड हो सकता है.
क्या है ये थेरेपी-
इस नई जीन थेरेपी को लुक्सर्टना (वोरेटीजीन नेपरवोवेक-रजिल) के नाम से जानते हैं. इसके जरिए रेटीना की विकृति को सही किया जाता है, जो खास जेनेटिक म्यूटेशन की वजह से होता है. यह पहली जीन थेरेपी है, जिसके तहत अमेरिका में आनुवांशिक बीमारी के इलाज की मंजूरी दी गई है.
क्या कहना है एफडीए का-
एफडीए के आयुक्त स्कॉट गोटलिब ने कहा कि यह मंजूरी जीन थेरेपी के क्षेत्र में इसके कार्य और जीन थेरेपी के विस्तार को बताती है, जो कैंसर से आगे जाकर ब्लाइंडनेस के इलाज को दिखाती है, यह चुनौतीपूर्ण बीमारियों के व्यापक इलाज की संभावनाओं को बढ़ाती है.
ये रिसर्च के दावे पर हैं. ABP न्यूज़ इसकी पुष्टि नहीं करता. आप किसी भी सुझाव पर अमल या इलाज शुरू करने से पहले अपने एक्सपर्ट की सलाह जरूर ले लें.